मॉक वोटिंग से विपक्ष तैयार करेगा रणनीति, खरगे के डिनर में होंगे शामिल

मॉक वोटिंग से विपक्ष तैयार करेगा रणनीति, खरगे के डिनर में होंगे शामिल
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नई दिल्ली आने वाले नौ सितंबर को उपराष्ट्रपति चुनाव होने हैं। इसके लिए राजनीतिक पार्टियों में सुगबुगाहट तेज होती दिख रही है। इसी बीच इंडिया ब्लॉक के सूत्रों ने रविवार को जानकारी दी कि उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले सोमवार को विपक्षी सांसदों को वोटिंग की प्रक्रिया की जानकारी दी जाएगी। इसके बाद इसी शाम को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे उनके लिए संसद परिसर के एनेक्सी में डिनर का आयोजन करेंगे। इतना ही नहीं सूत्रों ने ये भी बताया कि सोमवार दोपहर लगभग 2:30 बजे संसद भवन के सेंट्रल हॉल में ‘मॉक पोल’ यानी फर्जी वोटिंग भी कराई जाएगी ताकि सांसद वोटिंग प्रक्रिया को समझ सकें।

बता दें कि जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे के बाद हो रहे इस चुनाव में दो उम्मीदवार हैं। जहां एनडीए ने भाजपा के अनुभवी नेता और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं दूसरी ओर विपक्ष की ओर से पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी सुदर्शन रेड्डी ताल ठोक रहे हैं। गौर करने वाली बात ये है कि दोनों ही उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं, राधाकृष्णन तमिलनाडु से हैं। वहीं रेड्डी तेलंगाना के रहने वाले हैं।

कहां और कब होगा मतदान?

उपराष्ट्रपति चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर और राज्यसभा के सचिव पीसी मोदी ने बताया कि मतदान नौ सितंबर को सुबह 10 बजे शुरू होगा और शाम 5 बजे बंद होगा। मतदान संसद भवन के कमरे नंबर F-101, वसुधा में होगा। वोटों की गिनती उसी दिन शाम छह बजे शुरू होगी और तुरंत परिणाम घोषित किया जाएगा।

गौरतलब है कि मतदान के लिए दोनों सदनों के सांसदों को मिलाकर कुल 788 सदस्य (अभी 781 सक्रिय सदस्य) हिस्सा लेंगे, जिसमें 233 राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य, 12 राज्यसभा के नामित सदस्य और 543 लोकसभा के निर्वाचित सदस्य शामिल हैं।

कौन है विपक्ष के उम्मीदवरा बी सुदर्शन रेड्डी?

बात अगर विपक्षी उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी की करें तो उन्होंने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के लिए लंबा संघर्ष किया है। वे पहले आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के जज, गुवाहाटी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रह चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट में रहते हुए उन्होंने कई अहम फैसले दिए, जिनमें कालेधन मामलों की जांच और नक्सलवाद के खिलाफ सलवा जुडुम को असंवैधानिक ठहराना शामिल है। विपक्ष ने इस चुनाव को एक विचारधारा की लड़ाई बताया है। हालांकि बहुमत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पक्ष में है।

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