पीएम-किसान सम्मान निधि: 21वीं किस्त की तैयारी जोरों पर, सरकार ने राज्यों-बैंकों को दिए सख्त निर्देश

नई दिल्ली, : भारत सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 21वीं किस्त को समय पर और बिना किसी रुकावट के किसानों तक पहुंचाने के लिए व्यापक कदम उठाए हैं। तकनीकी खामियों और गलत जानकारी के कारण पहले कई किसानों को किस्त मिलने में देरी हुई थी, लेकिन इस बार केंद्र सरकार ने राज्यों और बैंकों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी पात्र किसान की किस्त छूटनी नहीं चाहिए।
किसानों के लिए वरदान है योजना
24 फरवरी 2019 को शुरू हुई पीएम-किसान सम्मान निधि योजना देश की पहली डायरेक्ट इनकम बेनिफिट स्कीम है। इसके तहत छोटे और सीमांत किसानों को सालाना 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है, जो तीन किस्तों में 2,000-2,000 रुपये के रूप में सीधे उनके आधार-लिंक्ड बैंक खातों में ट्रांसफर होती है। अब तक 20 किस्तों के माध्यम से सरकार ने करीब 3.90 लाख करोड़ रुपये किसानों के खातों में पहुंचाए हैं। यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और किसानों की आजीविका को सहारा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
पिछली बाधाओं से सबक
पिछली किस्तों में कई किसानों को आधार कार्ड और बैंक खातों का लिंक न होने, अधूरी KYC, गलत खाता जानकारी, या फिक्स्ड डिपॉजिट और लोन खातों को योजना से जोड़ने की गलतियों के कारण भुगतान में देरी का सामना करना पड़ा। कई मामलों में गलत जानकारी के कारण किसानों की किस्त अटक गई, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हुई। इन समस्याओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने इस बार कड़े कदम उठाए हैं।
सख्ती और समाधान के लिए निर्देश
केंद्र ने सभी राज्यों और बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वे किसानों की KYC प्रक्रिया को समय पर पूरा करें और आधार-बैंक खाता लिंकेज को सुनिश्चित करें। इसके लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसमें ग्राम पंचायत स्तर पर शिविर लगाकर किसानों की जानकारी अपडेट की जा रही है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि गलत खाता जानकारी या तकनीकी त्रुटियों के कारण किसी भी पात्र किसान को योजना का लाभ मिलने से वंचित नहीं किया जाएगा।
किसानों में उत्साह, सरकार की प्रतिबद्धता
कृषि मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, 21वीं किस्त सितंबर 2025 के पहले सप्ताह में जारी होने की संभावना है। इस बार करीब 9 करोड़ से अधिक किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है। सरकार ने डिजिटल सत्यापन और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) प्रणाली को और मजबूत किया है ताकि भुगतान में पारदर्शिता बनी रहे।
किसानों का कहना है कि यह योजना उनकी खेती और दैनिक जरूरतों के लिए वरदान साबित हुई है। सरकार की इस पहल से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है, बल्कि ग्रामीण भारत में आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा मिला है। केंद्र सरकार का यह कदम किसानों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, और उम्मीद है कि इस बार सभी पात्र किसानों को समय पर सहायता मिलेगी
