प्रबल प्रताप बोले- कुत्ते हमारे समाज का हिस्सा, शेल्टर होम में भेजने के निर्णय पर हो पुनर्विचार

नई दिल्ली गैर पालतू कुत्तों को शेल्टर होम में रखने के निर्णय पर लोगों का विरोध जारी है। पशु प्रेमियों का कहना है कि कुत्ते भी हमारे समाज का एक अभिन्न हिस्सा हैं। उन्हें शेल्टर होम में रखने से समाज के अंदर का संतुलन बिगड़ जाएगा। इसका पूरे समाज पर असर होगा। साथ-साथ यह निर्णय समाज में सबको साथ लेकर चलने की बजाय मानवों के हित में मूक और कमजोर वर्ग को अपनी ताकत के बल पर बाहर करने जैसा है।

सामाजिक कार्यकर्ता और कांग्रेस नेता प्रबल प्रताप शाही ने कहा कि कुत्ते कमजोर वर्गों के साथी और उनके रक्षक होते हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले का हास्यास्पद पहलू यह है कि जो लोग लाखों रूपये के महंगे कुत्ते रखकर अपनी शान बढ़ाते हैं, उन पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया जा रहा है, लेकिन इसी समाज के एक हिस्से गली के कुत्तों को समाज से बाहर करने का निर्णय सुना दिया गया है।

उन्होंने कहा कि यह एक तरह से शक्ति प्रदर्शन है जिसमें कमजोर वर्गों के लोगों के साथ रहने वाले कुत्तों को तो समाज से बाहर करने का निर्णय किया जा रहा है, लेकिन महंगे कुत्तों को इसी समाज में लोगों के बीच रहने दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय सहित इस मामले से जुड़ी सभी उच्च संस्थाओं को इस पर ध्यान देना चाहिए।

पशु और कुत्ता प्रेमियों ने गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि वे सरकार के साथ मिलकर आवारा कुत्तों के स्टरलाइजेशन और उनके भोजन की व्यवस्था करना चाहते हैं। प्रिया चोपड़ा ने कहा कि एमसीडी और अन्य सरकारी संस्थाएं उनका सहयोग नहीं ले रही हैं, जबकि वे बिना कोई धन लिए कुत्तों को भोजन उपलब्ध कराना चाहते हैं। रोजी विर्क ने कहा कि वे लोग एक इंसानी पहलू के तहत पशुओं की सहायता करना चाहते हैं।

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