शिक्षण संस्थानों से बोलीं राष्ट्रपति: भारत को बनाएं वैश्विक शिक्षा का केंद्र, शिक्षा के साथ शोध भी जरूरी

शिक्षण संस्थानों से बोलीं राष्ट्रपति: भारत को बनाएं वैश्विक शिक्षा का केंद्र, शिक्षा के साथ शोध भी जरूरी
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि किसी भी देश के विकास का स्तर उसकी शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता से झलकता है। शिक्षा के साथ-साथ शोध पर भी बहुत ध्यान देने की जरूरत है। सरकार ने इसी मकसद से राष्ट्रीय अनुसंधान कोष की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि उच्च शिक्षा संस्थान इस महत्वपूर्ण पहल का अच्छा उपयोग करेंगे और शोध को प्रोत्साहित करेंगे।

राष्ट्रपति मुर्मू सोमवार को राष्ट्रपति भवन में दो दिवसीय विजिटर कॉन्फ्रेंस में 184 उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा, भारत को ज्ञान अर्थव्यवस्था के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। भारतीय छात्र अपनी प्रतिभा से दुनिया के अग्रणी शैक्षणिक संस्थानों और विकसित अर्थव्यवस्थाओं को समृद्ध करते हैं। ऐसी प्रतिभाओं का देश हित के लिए उपयोग करने पर फोकस करना होगा। हमारे उच्च शिक्षा समुदाय की महत्वाकांक्षा हमारे शोधकर्ताओं को विश्व स्तर पर मान्यता दिलाने पर होनी चाहिए। ताकि, हमारे संस्थानों के पेटेंट दुनिया में बदलाव ला सकें और विकसित देशों के छात्र उच्च शिक्षा के लिए भारत को पसंदीदा स्थान के रूप में चुनें।

राष्ट्रपति ने कहा, भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूप में स्थापित करने का हमारा राष्ट्रीय लक्ष्य तभी प्राप्त होगा जब विश्व समुदाय हमारी प्रयोगशालाओं में किए जा रहे कार्यों को अपनाने के लिए उत्सुक होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश के कई उच्च शिक्षण संस्थानों की वैश्विक ब्रांड वैल्यू है। इन संस्थानों के छात्रों को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों और कंपनियों में बड़ी जिम्मेदारियां मिलती हैं। हालांकि, हमारे सभी संस्थानों को बहुत तेजी से आगे बढ़ना चाहिए। हमारी विशाल युवा आबादी की अपार प्रतिभा को विकसित और उपयोग में लाकर उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों के नेतृत्व को मान्यता दी जाएगी।

बीएचयू के प्रोफेसर को मिला पुरस्कार

बीएचयू के प्रोफेसर सरीपेल्ला श्रीकृष्ण को राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को बढ़ावा देने के लिए क्वांटम प्रौद्योगिकी में नवीन स्वदेशी नवाचार विकसित करने पर विजिटर पुरस्कार मिला है। हैदराबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अश्विनी कुमार नांगिया को भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए विजिटर पुरस्कार मिला। दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर रीना चक्रवर्ती और पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राज कुमार को संयुक्त रूप से जैविक विज्ञान में अनुसंधान के लिए विजिटर अवार्ड मिला है। प्रोफेसर चक्रवर्ती को सतत मीठे जल जलीय कृषि में उनके शोध योगदान और प्रोफेसर कुमार को विभिन्न कैंसर हॉलमार्क की खोज और सिंथेटिक एंटी कैंसर लेड अणुओं के विकास में उनके शोध योगदान के लिए दिया गया है।

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