प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति पर रोक से उठे सवाल, संजय राउत बोले- यह महायुति में कलह का संकेत
महाराष्ट्र में नासिक और रायगढ़ में प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति अचानक रोके जाने पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि महायुति सरकार का प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति में अचानक बदलाव करना गठबंधन में कलह का संकेत है।
राउत ने कहा कि सरकार आंतरिक गतिरोध को संभालने में विफल रही है। प्रभारी मंत्रियों को जिलों के आवंटन पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गुस्सा स्पष्ट है। अब उनके अधिकार पर सवाल उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गठबंधन में बढ़ती कलह से सत्ता की गतिशीलता में बदलाव आ सकता है।
हालांकि उन्होंने एकनाथ शिंदे की जगह औद्योगिक मंत्री और शिवसेना नेता उदय सामंत को तैयार किए जाने की संभावना जताई। संजय राउत ने कहा कि ऐसा लगता है कि उदय सामंत को शिंदे की जगह तैयार किया जा रहा है। अगर शिंदे अपने मंत्रियों को नियंत्रित नहीं कर सकते हैं तो वह कैसे नेतृत्व कर सकते हैं।d
एक दिन बाद ही रोकी नियुक्ति
महाराष्ट्र सरकार ने शनिवार को 36 जिलों के प्रभारी मंत्री नियुक्ति किए थे। इनमें एनसीपी की अदिति तटकरे को रायगढ़ और भाजपा नेता गिरीश महाजन को नासिक का प्रभारी मंत्री बनाया गया था। इसके अगले ही दिन रायगढ़ और नासिक में प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति रोकने का आदेश जारी किया गया। इसे लेकर ऐसा लगा कि महायुति गठबंधन में एकमत नहीं है। इस मामले में संजय राउत ने महायुति सरकार को घेरा।
शिंदे दारेगांव रवाना
सूत्र बताते हैं कि प्रभारी मंत्रियों की तैनाती को लेकर चल रहे गतिरोध के बीच एकनाथ शिंदे अपने चार दिवसीय दौरे के लिए अचानक दारेगांव रवाना हो गए। शिंदे ने निजी कारणों का हवाला दिया है। जबकि राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि शिंदे का जाना विभागों को लेकर उनके असंतोष से जुड़ा था। वहीं मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले और गिरीश महाजन शिंदे से मिलने और उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए दारेगांव के लिए रवाना हो गए हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस इस समय वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के लिए दावोस में हैं।