राहुल गांधी ने वोट चोरी पर फिर घेरा ईसी-भाजपा, तेज किया अभियान न्यूजलेटर से

राहुल गांधी ने वोट चोरी पर फिर घेरा ईसी-भाजपा, तेज किया अभियान न्यूजलेटर से
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नई दिल्ली कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों और बिहार में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए अपने हमले तेज कर दिए हैं। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने वोट चोरी के आरोपों को और पुख्ता करने के लिए एक न्यूजलेटर लॉन्च किया है। कांग्रेस का कहना है कि यह न्यूजलेटर राहुल गांधी की हालिया 'एटम बम' प्रेस कॉन्फ्रेंस और उनकी वोट अधिकार यात्रा पर केंद्रित है।

राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि भाजपा और चुनाव आयोग की मिलीभगत से मतदाता सूचियों में गड़बड़ियां की जा रही हैं। उन्होंने कर्नाटक के बंगलूरू सेंट्रल की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर एक लाख से अधिक फर्जी मतदाताओं के नाम दर्ज होने का आरोप लगाया। कांग्रेस का दावा है कि चुनाव आयोग और भाजपा मिलकर मतदाताओं के अधिकार छीन रहे हैं।

वोट अधिकार यात्रा और सहयोगियों का समर्थन

राहुल गांधी ने बिहार में ‘वोट अधिकार यात्रा’ की, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी शामिल हुए। इस यात्रा का मकसद मतदाता सूची में कथित धांधली को उजागर करना और जनता को अपने अधिकारों के लिए जागरूक करना था। कांग्रेस ने इसे जनता के वोट की सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा आंदोलन बताया।

खरगे का ईसीआई पर करारा सवाल

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या चुनाव आयोग अब 'भाजपा का बैक ऑफिस' बन गया है। खरगे ने कर्नाटक की अलंद विधानसभा सीट का उदाहरण देते हुए बताया कि मई 2023 चुनाव से पहले वहां हजारों मतदाताओं के नाम एक सुनियोजित साजिश के तहत हटाए गए।

कर्नाटक का अलंद केस और फर्जी आवेदन

खरगे ने दावा किया कि फरवरी 2023 में दर्ज एक मामले की जांच में 5,994 फर्जी आवेदन पाए गए। यह आवेदन मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए किए गए थे। उन्होंने कहा कि यह बड़े पैमाने पर मतदाता धोखाधड़ी का स्पष्ट सबूत है। इसके बाद कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने सीआईडी जांच का आदेश दिया ताकि दोषियों को पकड़ा जा सके।

कांग्रेस का बढ़ता राजनीतिक अभियान

राहुल गांधी और कांग्रेस के इन आरोपों के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा लोकतंत्र को कमजोर कर रही है और चुनाव आयोग निष्पक्षता खो चुका है। वहीं, भाजपा और चुनाव आयोग की ओर से इन आरोपों पर कोई सीधा जवाब नहीं आया है। लेकिन कांग्रेस इस मुद्दे को 2025-26 की राजनीतिक रणनीति का अहम हिस्सा बना रही है।

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