राहुल गांधी फिर जाएंगे 2 दिन के अमेरिका दौरे पर, जानें क्या है पूरा कार्यक्रम

राहुल गांधी फिर जाएंगे 2 दिन के अमेरिका दौरे पर, जानें क्या है पूरा कार्यक्रम
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लोकसभा में विपक्षव के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी 2 दिवसीय यात्रा के लिए अमेरिका दौरे पर हैं. कांग्रेस सांसद शनिवार कोबोस्टन लोगन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे. उनका बोस्टन लोगन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया गया. एयरपोर्ट पर इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के सदस्यों ने फूल देकर सांसद का स्वागत किया. ओवरसीज कांग्रेस प्रमुख सैम पित्रोदा ने व्यक्तिगत रूप से उनका एयरपोर्ट पर अभिवादन किया.

पित्रोदा ने एक्स पर एक पोस्ट में राहुल गांधी को, “युवाओं के लिए, लोकतंत्र के लिए और बेहतर भविष्य के लिए एक आवाज” बताते हुए लिखा, “संयुक्त राज्य अमेरिका में आपका स्वागत है, राहुल गांधी! आइए सुनें, सीखें और एक साथ निर्माण करें”.

क्या है राहुल गांधी का पूरा कार्यक्रम

राहुल गांधी 21 और 22 अप्रैल को ब्राउन यूनिवर्सिटी में छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत में शामिल होंगे. कांग्रेस सांसद के अपनी यात्रा के दौरान एनआरआई समुदाय के सदस्यों, इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के पदाधिकारियों के साथ भी बातचीत करने की उम्मीद है.

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने पहले ही राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा की घोषणा करते हुए कहा था कि गांधी यूनिवर्सिटी में व्याख्यान देंगे. उन्होंने एक्स पर कहा था, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 21 और 22 अप्रैल को अमेरिका के रोड आइलैंड में ब्राउन यूनिवर्सिटी का दौरा करेंगे. वह सदस्यों और छात्रों के साथ बातचीत करेंगे. रोड आइलैंड का दौरा करने से पहले, राहुल गांधी एनआरआई समुदाय के सदस्यों के साथ-साथ इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के पदाधिकारियों और सदस्यों से मुलाकात करेंगे.

राहुल गांधी की दूसरी US यात्रा

हाल के महीनों में राहुल गांधी की यह दूसरी अमेरिका की यात्रा है. सितंबर 2024 में, वो तीन दिवसीय दौरे पर अमेरिका गए थे, जिसमें डलास में टेक्सास यूनिवर्सिटी और वाशिंगटन, डीसी में जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में कार्यक्रम में शामिल हुए थे. विपक्ष के नेता की भूमिका संभालने के बाद यह उनकी पहली इंटरनेशनल यात्रा थी.

सितंबर की यात्रा के दौरान, गांधी ने भारत के आरक्षण सिस्टम पर टिप्पणी की थी. इसी के बाद विवाद खड़ा हो गया था. उन्होंने कहा था कि भारत के “उचित स्थान” बनने के बाद आरक्षण पर पुनर्विचार किया जा सकता है. उन्होंने ओबीसी, दलितों और आदिवासियों के प्रतिनिधित्व की कमी को “कमरे में हाथी” बताते हुए जाति जनगणना पर भी जोर दिया था. कांग्रेस सांसद ने कहा था, “जब हम संस्थानों, व्यवसायों और मीडिया पर कब्जा करने की बात करते हैं, तो कमरे में मौजूद हाथी यह है कि भारत के 90 प्रतिशत, ओबीसी, दलित, आदिवासी- इसका हिस्सा भी नहीं हैं.

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