राहुल गांधी का तंज: ‘मेक इन इंडिया’ नहीं, ‘असेंबल इंडिया’ है मोदी सरकार की हकीकत

राहुल गांधी का तंज: ‘मेक इन इंडिया’ नहीं, ‘असेंबल इंडिया’ है मोदी सरकार की हकीकत
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नई दिल्ली |राहुल गांधी ने कहा कि भारत में विनिर्माण उद्योग की जीडीपी केवल 14 फीसदी रह गई है। देश में रिकॉर्ड निचले स्तर पर विनिर्माण पहुंच गया है। इसके चलते बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। चीन से आयात भी लगातार बढ़कर दोगुना हो गया है। उन्होंने कहा भारत का विनिर्माण उद्योग केवल चीन से आए कलपुर्जों को जोड़ने तक सीमित रह गया है। 80 फीसदी भारतीय टीवी चीन से आयातित सामान के साथ केवल भारत में असेंबल होते हैं। राहुल गांधी ने हाल ही में ग्रेटर नोएडा में एक टीवी और एसी बनाने वाली फैक्टरी का दौरा किया, यहां हर दिन करीब 20 हजार टीवी बनाए जाते हैं।

इस दौरान उन्होंने कहा छोटे उद्यमी अगर अपने स्तर पर कुछ करना भी चाहे तो सीमित समर्थन और करों की मार उन्हें बेहाल कर देती है। राहुल गांधी ने सरकार की योजना मेक इन इंडिया को निशाने पर लेते हुए कहा कि इसका नाम बदलकर असेंबल इंडिया कर देना चाहिए। क्योंकि रोजगार, मेक इन इंडिया जैसी बाते केवल भाषणों तक सीमित रह गई हैं। क्योंकि आईफोन से लेकर टीवी तक सबके पुर्जे चीन से आयात किए जाते हैं, भारत में उन्हें केवल जोड़ा जाता है। अगर कोई चाहे भी कि वह अपने स्तर पर काम करे तो इस क्षेत्र के बड़े एकाधिकार रखने वाली कंपनियां छोटे उद्योगों को टिकने ही नहीं देती और उस पर भारी कर दरें, न कोई नीति चुने हुए कॉरपोरेट्स का एकाधिकार उन्हें पनपने ही नहीं देता।

इसके लिए जरूरी है कि भारत को उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया जाए। इसके लिए नीति से लेकर निर्माण स्तर तक में बदलाव करना होगा, ताकि भारत केवल कलपुर्जों को जोड़कर उत्पादन करने वाला न बना रहे विनिर्माण में भी अव्वल हो। चीन को बराबरी से टक्कर दे सकें। राहुल ने कहा दावे नहीं जमीनी स्तर पर काम करना होगा।

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