बागेश्वर सरकार की जिंदगी पर हुआ शोध, न्यूजीलैंड के विवि की टीम ने तीन दिन तक समझीं बारीकियां

बागेश्वर सरकार की जिंदगी पर हुआ शोध, न्यूजीलैंड के विवि की टीम ने तीन दिन तक समझीं बारीकियां
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बागेश्वरधाम सरकार पंडित धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री ने तीन देशों की यात्रा की। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया, फिजी और न्यूजीलैण्ड में उन्हें आम जनता का भरपूर प्रेम मिला तो वहीं इन देशों के जन प्रतिनिधियों ने भी उनका खूब स्वागत किया। अब न्यूजीलैंड से कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आईं हैं जो उनके भक्तों का उत्साह बढ़ाने के लिए काफी हैं।दरअसल न्यूजीलैंड के ऑकलैंड शहर में आयोजित हुई कथा के दौरान बागेश्वर महाराज के जीवन और इस आयोजन पर शोध करने के लिए न्यूजीलैंड के प्रसिद्ध विश्वविधालय की टीम यहां पहुची। वेलिंगटन के मैसी विश्वविद्यालय की एक तीन सदस्यीय टीम ओस्कर मरीशन और उनके दो साथियों ने बागेश्वर धाम सरकार के जीवन पर तीन दिनों तक शोध किया। उन्होंने कैमरे के साथ यहां आए भक्तों से उनके अनुभव पूछे। आयोजन की बारीकियों को समझा और बागेश्वर महाराज का इंटरव्यू लेकर उनसे अनेक प्रश्न पूछे। यह टीम तीन दिन तक दिन रात उनके साथ चलती रही और हर छोटी बड़ी घटना को रिपोर्ट करती रही। शोध के अंत में बागेश्वर महाराज ने इस इंटरव्यू के बाद सभी शोधकर्ताओं को बागेश्वर बालाजी की पट्टिका पहनाकर उन्हें अपना आशीर्वाद दिया।


Research was done on the life of Bageshwar Sarkar, the team from New Zealand University understood the nuances for three days.बागेश्वर सरकार की जिंदगी पर हुआ शोध, न्यूजीलैंड के विवि की टीम ने तीन दिन तक समझीं बारीकियां

कौन हैं बाबा बागेश्वर

छतरपुर के पास एक जगह है गढ़ा। यहीं पर बागेश्वर धाम है। यहां बालाजी हनुमान जी का मंदिर है। हर मंगलवार को बालाजी हनुमान जी के दर्शन को भारी भीड़ उमड़ती है। धीरे-धीरे इस दरबार को लोग बागेश्वर धाम सरकार के नाम से पुकारने लगे। ये मंदिर सैकड़ों साल पुराना बताया जाता है। अभी बागेश्वर धाम की बागडोर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पास है। पं. धीरेंद्र का जन्म 1996 में छतरपुर जिले के गड़ागंज गांव में हुआ था। इनका पूरा परिवार अभी भी गड़ागंज में ही रहता है। पं. धीरेंद्र शास्त्री के दादा पं. भगवान दास गर्ग भी इस मंदिर के पुजारी रहे। कहा जाता है कि पं. धीरेंद्र का बचपन काफी कठिनाई में बीता। जब वह छोटे थे तो परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि एक वक्त का ही भोजन मिल पाता था। पं. धीरेंद्र शास्त्री के पिता का नाम रामकृपाल गर्ग और मां सरोज गर्ग है। धीरेंद्र के छोटे भाई शालिग्राम गर्ग जी महाराज हैं। वह भी बालाजी बागेश्वर धाम को समर्पित हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पं. धीरेंद्र शास्त्री ने 11 साल की उम्र से ही बालाजी बागेश्वर धाम में पूजा पाठ शुरू कर दी थी। पं. धीरेंद्र शास्त्री के दादा ने चित्रकूट के निर्मोही अखाड़े से दीक्षा ली थी। इसके बाद वह गड़ागंज पहुंचे थे। बागेश्वर धाम प्रमुख पं. धीरेंद्र शास्त्री हमेशा एक छोटी गदा लेकर चलते हैं। उनका कहना है कि इससे उन्हें हनुमान जी की शक्तियां मिलती रहती हैं। वह हनुमान जी की आराधना करने के लिए लोगों को प्रेरित भी करते हैं।


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