अपने साथ गाजर और मूंग दाल का हलवा ले गए हैं शुभांशु, बताया अंतरिक्ष से कैसा दिखता है भारत?

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से बातचीत के दौरान, पीएम मोदी ने उनसे पूछा कि क्या उन्होंने अपने साथ गाजर का हलवा लिया है. इसपर शुभांशु शुक्ला ने कहा, “हां, मैंने गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आम रस लाया है. मैं चाहता था कि दूसरे देशों से मेरे साथ आए सभी लोग समृद्ध भारतीय व्यंजनों का आनंद लें. हम सभी ने इसे एक साथ खाया और सभी को यह पसंद आया.”अंतरिक्ष से कैसा दिखता है भारत?
शुभांशु शुक्ला ने प्रधानमंत्री को बताया, ‘‘जब मैंने पहली बार अंतरिक्ष से भारत को देखा, तो यह मानचित्र की तुलना में कहीं अधिक बड़ा और भव्य दिखाई दिया.’’ शुक्ला ने कहा, ‘‘आप वास्तव में एकत्व की भावना महसूस कर सकते हैं, यहां कोई सीमा नहीं है, कोई रेखा नहीं है। ऐसा लगता है, जैसे यह पूरी धरती हमारा घर है और हम सभी इसके नागरिक हैं.’’
28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से यात्रा कर रहे हैं शुभांशु शुक्ल
अंतरिक्ष यात्री ने कहा कि अंतरिक्ष स्टेशन प्रतिदिन पृथ्वी की 16 बार परिक्रमा करता है तथा उन्हें प्रतिदिन 16 सूर्योदय और 16 सूर्यास्त देखने का सौभाग्य प्राप्त होता है. शुक्ला ने कहा, ‘‘फिलहाल हम 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से यात्रा कर रहे हैं. यह गति दर्शाती है कि हमारा देश कितनी तेजी से प्रगति कर रहा है और अब हमें इससे भी आगे जाना होगा.’’अंतरिक्ष में गूंजा भारत माता की जय
प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से वीडियो लिंक के जरिए बातचीत में शुक्ला से कहा, ‘‘शुभांशु, आज आप भारत की धरती से सबसे दूर हैं, लेकिन हर भारतीय के दिल के सबसे करीब हैं.’’ आईएसएस 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर धरती की परिक्रमा कर रहा है. मोदी ने कहा कि शुक्ला के नाम में ‘शुभ’ शब्द है और उनकी यात्रा नये युग की शुभ शुरुआत का प्रतीक है. दोनों के बीच 18 मिनट तक चली बातचीत के अंत में प्रधानमंत्री ने ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाया, तो शुक्ला ने भी उनके साथ नारा लगाया और इस तरह अंतरिक्ष स्टेशन ‘भारत माता की जय’ के नारे से गूंज उठा.
स्पेस सेंटर में 14 दिन रहेंगे शुभांशु
शुभांशु शुक्ला वाणिज्यिक एक्सिओम-4 मिशन के तहत तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ गुरुवार 24 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे. चारों वहां 14 दिनों तक रहेंगे और इस दौरान वे विज्ञान संबंधी प्रयोगों का हिस्सा बनेंगे. अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अब छह देशों के 11 अंतरिक्ष यात्री हैं.