सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया: बीमा कंपनियाँ पॉलिसी उल्लंघन के बावजूद दुर्घटना पीड़ितों को तुरंत मुआवज़ा देंगी

नई दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को स्पष्ट किया कि बीमा कंपनियाँ केवल वाहन मालिक द्वारा पॉलिसी की शर्तों का उल्लंघन करने के आधार पर मोटर दुर्घटनाओं के पीड़ितों को मुआवज़ा देने से बच नहीं सकतीं।
न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि पॉलिसी उल्लंघन होने पर भी बीमाकर्ता पहले दावेदार को मुआवज़ा देगा और बाद में वह राशि वाहन मालिक से वसूल सकता है।
न्यायालय ने यह निर्णय ऐसे मामलों में नियमों को और स्पष्ट करने के लिए दोहराया है, जिससे दुर्घटना पीड़ितों को वित्तीय सहायता में देरी न हो। कोर्ट ने जोर देकर कहा कि बीमा पॉलिसी की तकनीकी शर्तें पीड़ित के अधिकारों पर हावी नहीं हो सकतीं।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला दुर्घटना पीड़ितों के लिए राहत की तरह है, क्योंकि अब उन्हें बीमा कंपनियों की पॉलिसी उल्लंघन की औपचारिकताओं के चलते मुआवज़ा मिलने में विलंब नहीं होगा।
