प्रसव के बाद महिला की संदिग्ध मौत, शव को रेफर करने पर भड़के परिजन

प्रसव के बाद महिला की संदिग्ध मौत, शव को रेफर करने पर भड़के परिजन
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मध्य प्रदेश के सीधी जिले में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिले के सेमरिया विकासखंड के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बंजारी में एक गर्भवती महिला ने सामान्य प्रसव के जरिए स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया, लेकिन प्रसव के कुछ ही समय बाद उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने महिला की मौत के बाद भी उसे मृत घोषित करने के बजाय शव को जिला अस्पताल सीधी रेफर कर दिया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अस्पताल अपनी गलती छिपाने की कोशिश कर रहा था।

जानकारी के अनुसार ग्राम चौफाल पवाई निवासी संजय भुजवा की पत्नी कल्पना देवी (30) को बुधवार दोपहर प्रसव पीड़ा हुई। परिजन आशा कार्यकर्ता लीलावती सिंह के साथ उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बंजारी लेकर पहुंचे। वहां मौजूद एएनएम ने जांच के बाद बताया कि डिलीवरी सामान्य रूप से हो जाएगी और महिला को भर्ती कर लिया गया। दोपहर करीब 2.15 बजे कल्पना ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।

डिलीवरी के बाद कल्पना देवी पूरी तरह स्वस्थ थी। डॉक्टर के कहने पर उसे चाय-बिस्किट भी खिलाया गया, लेकिन कुछ ही देर बाद उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। बताया गया कि उसे तेज हिचकी आई और देखते ही देखते उसने दम तोड़ दिया। यह सब इतनी तेजी से हुआ कि परिजन और अस्पताल कर्मी कुछ समझ ही नहीं पाए।

आशा कार्यकर्ता लीलावती सिंह ने बताया कि कल्पना डिलीवरी से पहले और बाद तक बिल्कुल ठीक थी। किसी तरह की दिक्कत नहीं थी, लेकिन अचानक आई हिचकी के साथ उसकी मौत हो गई। पूरे स्वास्थ्य अमले और परिवार को यह घटना अविश्वसनीय लगी।

इस बीच, स्वास्थ्य केंद्र की हरकत ने परिजनों के गुस्से को और भड़का दिया। अस्पताल प्रशासन ने मृत कल्पना देवी को भी जिंदा मानकर जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जब परिवारजन वहां पहुंचे तो जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि महिला की मौत तो पहले ही हो चुकी थी। परिवार का आरोप है कि स्वास्थ्य केंद्र ने सिर्फ अपनी गलती छिपाने के लिए शव को रेफर किया ताकि यह दर्शाया जा सके कि मौत दूसरे अस्पताल में हुई।

मृतका की सास ममता भुजवा के अनुसार कल्पना की यह चौथी डिलीवरी थी और पहले तीन प्रसवों में कोई समस्या नहीं हुई थी। प्रसव के बाद डॉक्टर ने उसे कोई दवा दी थी, जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई और मौत हो गई।

घटना के बाद गुरुवार को गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने अस्पताल के बाहर सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सरकारी अस्पतालों में लापरवाही का आलम इस कदर है कि जहां जीवन की सुरक्षा की उम्मीद होती है, वहीं लापरवाह चिकित्सा कर्मचारियों की वजह से लोगों की जान जा रही है।

ग्रामीणों ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन देर शाम तक प्रदर्शन जारी रहा। फिलहाल, जिला प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं और कहा है कि रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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