केंद्र सरकार लाएगी भारत टैक्सी सेवा, ड्राइवरों को मिलेगा मुनाफे में सीधा हिस्सा

नई दिल्ली केंद्र सरकार जल्द ही 'भारत टैक्सी' नाम से एक नई टैक्सी सेवा शुरू करने जा रही है, जिसमें मुनाफे का सीधा लाभ ड्राइवरों को मिलेगा। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने यह जानकारी हरियाणा के पंचकूला में आयोजित सहकारी सम्मेलन को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने कहा कि यह पहल यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के साथ-साथ टैक्सी चालकों की आय में भी इजाफा करेगी।
मुनाफे में ड्राइवरों की सीधी हिस्सेदारी
अमित शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय की इस पहल के तहत शुरू होने वाली 'भारत टैक्सी' सेवा में होने वाला पूरा लाभ ड्राइवरों तक पहुंचेगा। उनके मुताबिक, इस मॉडल से न सिर्फ ग्राहकों को बेहतर और भरोसेमंद सेवा मिलेगी, बल्कि ड्राइवरों को भी अपने परिश्रम का उचित आर्थिक लाभ मिल सकेगा। उन्होंने इसे ड्राइवर समुदाय को सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम बताया।
हरियाणा के योगदान की सराहना
अपने संबोधन में गृह मंत्री ने हरियाणा के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि राज्य ने देश की खाद्य सुरक्षा, दुग्ध उत्पादन और खेलों के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के किसानों और खिलाड़ियों ने विभिन्न मोर्चों पर देश का नाम रोशन किया है और राष्ट्र के गौरव को बढ़ाया है।
खाद्यान्न आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय सुरक्षा में भूमिका
अमित शाह ने हरियाणा और पंजाब दोनों राज्यों की सराहना करते हुए कहा कि इन राज्यों ने देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा, भले ही क्षेत्रफल में छोटा राज्य हो, लेकिन जनसंख्या के अनुपात में यहां से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और तीनों सेनाओं में सबसे अधिक जवान देश की सुरक्षा के लिए सेवा देते हैं। उन्होंने इसे राज्य की माताओं और युवाओं के साहस का प्रतीक बताया।
सहकारिता से समृद्धि का रास्ता
गृह मंत्री ने कहा कि यदि पशुपालन, कृषि और सहकारी व्यवस्था को एक साथ जोड़ा जाए, तो सहयोग के माध्यम से व्यापक समृद्धि लाई जा सकती है। उनके अनुसार, इन तीनों क्षेत्रों का समन्वय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा और रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।
कृषि और ग्रामीण विकास बजट में बड़ा इजाफा
अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकारी खर्च में हुए इजाफे का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में कृषि बजट जहां 22 हजार करोड़ रुपये था, वह अब बढ़कर 1.27 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इसी तरह ग्रामीण विकास का बजट 80 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 1.87 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। उनके मुताबिक, यह बढ़ा हुआ निवेश किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
