ट्रेन में टेंशन फ्री होकर करें सफर: AC-स्लीपर कोच में इन चार जगह लगेंगे कैमरे,जानें डिटेल

ट्रेन में टेंशन फ्री होकर करें सफर: AC-स्लीपर कोच में इन चार जगह लगेंगे कैमरे,जानें डिटेल
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नई दिल्ली |रेल के सफर के दौरान अब सामान और फोन-पर्स के चोरी होने का डर छोड़ दीजिए। क्योंकि भारतीय रेलवे आम यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा लेकर सामने आया है। रेलवे ने देश के सभी 74,000 कोच और 15,000 लोकोमोटिव (इलेक्ट्रिक इंजन) में हाईटेक सीसीटीवी लगाने का फैसला किया है। रेलवे का यह फैसला पैसेंजर्स की सुरक्षा को और मजबूत करेगा। साथ ही, बदमाशों पर भी कड़ी नजर रखेगा। रेलवे मंत्रालय ने साफ किया कि सीसीटीवी कैमरे लगाने से यात्रियों की गोपनीयता से कोई समझौता नहीं होगा।

केंद्र सरकार ने संसद में घोषणा की है कि देश की लगभग हर ट्रेन के हर कोच को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जाएगा। यह एक ऐसा मिशन है जो आपके सफर को पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित और चिंता मुक्त बना देगा। रेलवे मंत्रालया ने बुधवार को लोकसभा में इस अभियान की पूरी जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसी को ध्यान में रखते हुए लगभग 74,000 कोचों और 15,000 इंजनों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला किया गया है।

रेलवे मंत्रालय ने बताया कि,मंत्रालय का यह काम सिर्फ कागजों पर नहीं है, बल्कि जमीन पर तेजी से उतर रहा है। अब तक देश के विभिन्न रेलवे जोनों में 11,535 कोचों में सफलतापूर्वक कैमरे लगाए जा चुके हैं। सबसे ज्यादा रेलवे पश्चिम रेलवे में 1,679 कोच, मध्य रेलवे में 1,320 कोच, पूर्वी रेलवे में 1,131 कोच और उत्तर रेलवे में 1,125 कोचों में कैमरे लग चुके हैं। इसके अलावा दक्षिण रेलवे में 1,149, पूर्वी तट रेलवे में 823 और दक्षिण मध्य रेलवे में 753 कोचों में भी यह सुविधा शुरू हो चुकी है।

हर कोच में लगेंगे चार कैमरे

रेल मंत्रालय ने साफ किया कि, प्रत्येक कोच में 4 कैमरे लगाए जाएगे। ये चारों कैमरे कोच के अंदर दोनों तरफ के प्रवेश द्वारों के पास लगाए जाएंगे। दो कैमरे एक गेट पर और दो दूसरे गेट पर लगाए जाएगे। रेलवे स्पष्ट किया कि कैमरे यात्री की सीट, बर्थ या कूपे के अंदर नहीं होंगे। इन कैमरों को आने-जाने वाले कॉमन रास्ते पर लगाया जाएगा ताकि सिर्फ कोच में घुसने और निकलने वालों पर नजर रखी जा सके। इन कैमरों से यात्रियों की प्राइवेसी पूरी तरह से सुरक्षित रहेगी। इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा।

रेलवे का कहना है कि, इस कदम से ट्रेनों में होने वाली चोरी और तोड़फोड़ की घटनाओं पर लगाम लगेगी। अगर कोई अपराध हो भी जाता है, तो सीसीटीवी फुटेज पुलिस और आरपीएफ के लिए एक ठोस सबूत का काम करेगी, जिससे अपराधी को पकड़ना और सजा दिलाना आसान होगा। यह कदम महिलाओं, बच्चों और अकेले सफर कर रहे यात्रियों के लिए एक सुरक्षा कवच का काम करेगा।

कैमरों की क्वालिटी भी होगी जबरदस्त

ये सिर्फ नाम के कैमरे नहीं होंगे। सरकार ने इनकी क्वालिटी के लिए कड़े मानक तय किए हैं। ये कैमरे इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जुड़े मानकीकरण परीक्षण और गुणवत्ता प्रमाणन निदेशालय द्वारा प्रमाणित होंगे। ये कैमरे रेलवे के अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन के नवीनतम विनिर्देशों के अनुसार होंगे।

सबसे खास बात यह है कि ये कैमरे 100 किलोमीटर प्रति घंटे या उससे भी तेज गति से चलने वाली ट्रेनों में एकदम साफ और हाई-क्वालिटी फुटेज रिकॉर्ड करेंगे। इसके अलावा हर इंजन में भी 6 कैमरे (आगे, पीछे, दोनों तरफ और कैब के अंदर) और दो माइक्रोफोन लगाए जाएंगे ताकि हर एंगल से सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

रेलवे मंत्रालय ने कहा कि टेक्नोलॉजी अपग्रेड एक सतत प्रक्रिया है। भविष्य में इन कैमरों को रियल-टाइम मॉनिटरिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जोड़ने पर भी विचार किया जा रहा है। इसका मतलब है कि भविष्य में कंट्रोल रूम में बैठा स्टाफ लाइव फुटेज देख सकेगा और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर एआई की मदद से तुरंत अलर्ट मिल जाएगा।

रेल किराए पर नहीं पड़ेगा असर

इस योजना के चलते रेलवे ने सरकार ने किराए में किसी भी तरह की बढ़ोतरी का कोई जिक्र नहीं किया है। यह यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे द्वारा किया जा रहा एक निवेश है। रेलवे का कहना है कि, सभी संबंधित कार्यों को अंतिम रूप देने के बाद ही कुल खर्च का सही आकलन किया जा सकेगा।

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