संसद में टैरिफ पर हंगामा, लोकसभा स्थगित: विपक्ष का प्रदर्शन, सरकार पर दबाव

संसद में टैरिफ पर हंगामा, लोकसभा स्थगित: विपक्ष का प्रदर्शन, सरकार पर दबाव
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नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद देश की राजधानी दिल्ली में संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह राजनीतिक गहमागहमी तेज हो गई है। आज (गुरुवार, 31 जुलाई, 2025) संसद के मॉनसून सत्र में इस मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को जोरदार तरीके से घेरा, जिसके परिणामस्वरूप लोकसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

संसद के बाहर विपक्ष का प्रदर्शन:

सुबह से ही विपक्षी दलों के सांसद संसद भवन परिसर के बाहर एकजुट होकर अमेरिकी टैरिफ वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन करते नज़र आए। उनके हाथों में तख्तियां थीं और वे केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर प्रभावी कदम उठाने की मांग कर रहे थे। विपक्षी नेताओं का कहना था कि यह टैरिफ वृद्धि भारतीय उद्योगों, विशेषकर भीलवाड़ा जैसे कपड़ा निर्यातकों के लिए गंभीर संकट पैदा करेगी।

लोकसभा में ज़ोरदार हंगामा:

लोकसभा में भी स्थिति शांत नहीं रही। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सांसदों ने अमेरिकी टैरिफ के मुद्दे को उठाते हुए सरकार से जवाब मांगा। उन्होंने सरकार पर देश के व्यापार हितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया। हंगामे के चलते सदन में कोई कामकाज नहीं हो सका और पीठासीन अधिकारी को अंततः कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

राज्यसभा में अहम विधेयक पर चर्चा की उम्मीद:

हालांकि, राज्यसभा में भी इस मुद्दे पर बहस होने की संभावना है, लेकिन वहाँ कुछ अहम विधेयक भी पेश होने वाले हैं। इनमें मणिपुर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने की मांग वाला प्रस्ताव और 'कैरेज ऑफ गुड्स बाय सी बिल 2025' जैसे महत्वपूर्ण विधेयक शामिल हैं।

आर्थिक मोर्चे पर चिंताएं:

अमेरिकी टैरिफ की इस घोषणा ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी चिंता बढ़ा दी है। भीलवाड़ा जैसे शहरों में, जहाँ कपड़ा उद्योग मुख्य आधार है, निर्यातकों को आशंका है कि 25% का यह शुल्क उनके उत्पादों को अमेरिकी बाज़ार में अप्रतिस्पर्धी बना देगा। व्यापार विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह टैरिफ लागू होता है, तो भारत के निर्यात और रोज़गार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

कुल मिलाकर, अमेरिकी टैरिफ का मुद्दा अब एक बड़ा राजनीतिक और आर्थिक मसला बन गया है, जिस पर सरकार और विपक्ष दोनों की निगाहें टिकी हुई हैं। आने वाले दिनों में संसद में इस पर और अधिक तीखी बहस देखने को मिल सकती है।

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