ड्यूटी के दबाव में सहायक अध्यापक की जहर खाकर मौत

ड्यूटी के दबाव में सहायक अध्यापक की जहर खाकर मौत
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उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में मतदाता सूची पुनरीक्षण SIR कार्य में लगे सहायक अध्यापक और BLO विपिन यादव की जहर खाकर मौत हो गई। मौत से पहले उन्होंने जिस तरह प्रशासनिक अधिकारियों पर मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए, उसने पूरे सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

ड्यूटी के दौरान बढ़ता तनाव

7 बजे जहर खाया, लखनऊ ले जाते हुए मौत

मंगलवार सुबह करीब 7 बजे विपिन यादव ने अपने किराए के मकान में जहर खा लिया। हालत बिगड़ने पर उन्हें गोंडा मेडिकल कॉलेज और फिर रेफर कर लखनऊ के KGMU ले जाया गया। एसडीएम सदर अशोक कुमार खुद उन्हें लेकर लखनऊ पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों की कोशिशें नाकाम रहीं और उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

पत्नी ने रिकॉर्ड किया अंतिम बयान

SDM, BDO और लेखपाल पर प्रताड़ना का आरोप

अस्पताल में रिकॉर्ड किए गए वीडियो में विपिन ने अपनी मौत का जिम्मेदार तरबगंज के SDM विश्वामित्र सिंह, नवाबगंज के BDO रवि गुप्ता और लेखपाल को बताया। पत्नी सीमा यादव ने भी कहा कि उनके पति कई दिनों से अधिकारियों द्वारा डांट-फटकार और दबाव से मानसिक तनाव में थे, इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया।

जौनपुर मूल निवासी, गोंडा में तैनाती

विपिन यादव मूल रूप से जौनपुर के रहने वाले थे और गोंडा के जैतपुर माझा में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत थे। वह SIR कार्य के दौरान BLO की जिम्मेदारी निभा रहे थे और पत्नी के साथ वहीं रह रहे थे।

प्रशासन का दावा

DM बोलीं—यह पारिवारिक तनाव का मामला

जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया। उनका कहना है कि यह मामला काम के दबाव का नहीं, बल्कि पारिवारिक कलह का है।

DM ने यह भी बताया कि विपिन के बूथ पर कुल 700 मतदाता थे, जिनमें से 350 का काम वह पूरा कर चुके थे, इसलिए कार्यभार से तनाव वाली बात तथ्यात्मक नहीं है।

सिस्टम पर सवाल

क्या कर्मचारी की सुनवाई तभी होती है जब कोई मर जाए?

विपिन यादव की मौत अब प्रशासनिक जांच की मांग उठाती है। अगर शिक्षक बार-बार दबाव की शिकायत कर रहा था, तो उस पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया? सिस्टम में कर्मचारियों की मानसिक स्थिति को लेकर क्या कोई सुरक्षा तंत्र मौजूद है?

यह घटना सिर्फ एक मौत नहीं, बल्कि सरकारी कामकाज में व्याप्त दबाव, मनमानी और असंवेदनशीलता पर बड़ा सवाल है।

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