उपराष्ट्रपति चुनाव भारत के विचार की पुष्टि का विषय” – नामांकन के बाद रेड्डी का बयान

उपराष्ट्रपति चुनाव भारत के विचार की पुष्टि का विषय” – नामांकन के बाद रेड्डी का बयान
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नई दिल्ली |विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने गुरुवार को कांग्रेस के शीर्ष नेताओं मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी की उपस्थिति में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। नामांकन दाखिल करने के बाद उन्होंने अहम टिप्पणी भी की। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि अगर वे उपराष्ट्रपति निर्वाचित किए जाते हैं तो क्या करेंगे।

नामांकन दाखिल करने के बाद बी. सुदर्शन रेड्डी ने कहा कि यह चुनाव महज एक व्यक्ति के बारे में नहीं है, बल्कि भारत के उस विचार की पुष्टि के बारे में है जहां संसद ईमानदारी से काम करती है। जहां असहमति का भी सम्मान किया जाता है और संस्थाएं स्वतंत्रता और निष्पक्षता के साथ लोगों की सेवा करती हैं।

रेड्डी ने कहा कि आज मुझे विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करने का सम्मान मिला। मैंने यह काम विनम्रता, जिम्मेदारी और हमारे संविधान में निहित मूल्यों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता की गहरी भावना के साथ किया।

उन्होंने कहा कि यह चुनाव केवल एक व्यक्ति के बारे में नहीं है। यह हमारे संस्थापकों द्वारा परिकल्पित भारत के विचार की पुष्टि करने के बारे में है। एक ऐसा भारत जहां संसद ईमानदारी से काम करे, जहां असहमति का सम्मान किया जाए और जहां संस्थाएं स्वतंत्रता और निष्पक्षता के साथ लोगों की सेवा करें।

अगर निर्वाचित हुए तो निष्पक्षता के साथ निभाऊंगा उपराष्ट्रपति पद की भूमिका

उन्होंने कहा कि राज्यसभा के सभापति के रूप में उपराष्ट्रपति पर संसदीय लोकतंत्र की सर्वोच्च परंपराओं की रक्षा करने की जिम्मेदारी है। यदि मैं निर्वाचित होता हूं तो मैं निष्पक्षता, गरिमा तथा संवाद एवं शिष्टाचार के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ अपनी भूमिका निभाने का वचन देता हूं।

इस दौरान विपक्षी उम्मीदवार रेड्डी ने विपक्षी दलों के नेताओं के प्रति भी गहरा आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान में विश्वास और हमारे लोगों में आशा के साथ मैं इस यात्रा पर निकल रहा हूं। हमारी लोकतांत्रिक भावना हम सभी का मार्गदर्शन करती रहे।

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल होते हैं। राज्यसभा के मनोनीत सदस्य भी अपना वोट डालने के पात्र होते हैं। निर्वाचक मंडल की प्रभावी संख्या 781 है और बहुमत का आंकड़ा 391 है। सत्तारूढ़ एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन को मैदान में उतारा है। सत्तारूढ़ दल को कम से कम 422 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। वाईएसआरसीपी जैसी विपक्षी गठबंधन से इतर पार्टियां पहले ही राधाकृष्णन को समर्थन देने की घोषणा कर चुकी हैं।

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