तंजानिया में चुनाव के बाद भड़की हिंसा, विपक्ष ने 700 मौतों का दावा

दर एस सलाम। पूर्वी अफ्रीकी देश तंजानिया में हाल ही में हुए आम चुनावों के बाद हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं। राष्ट्रपति सामिया सुलुहु हसन की पार्टी चामा चा मापिंदुजी की जीत के बाद देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हिंसक रूप ले चुके हैं।
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि चुनाव प्रक्रिया में भारी धांधली हुई और कई विपक्षी उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने से ही रोक दिया गया। इसी कारण जनता में भारी असंतोष फैल गया और लोग सड़कों पर उतर आए।
विरोध प्रदर्शनों के दौरान राजधानी दर एस सलाम, अरुशा और म्वांजा समेत कई शहरों में आगजनी, पथराव और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं। हालात को काबू में करने के लिए पुलिस और सेना की तैनाती की गई है। इंटरनेट सेवाएं भी कई इलाकों में बंद कर दी गई हैं।
मुख्य विपक्षी दल चाडेमा ने दावा किया है कि सुरक्षा बलों की कार्रवाई में अब तक करीब 700 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों घायल हैं। हालांकि सरकार ने इतने बड़े आंकड़े से इनकार किया है और कहा है कि मृतकों की संख्या इससे काफी कम है।
संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने तंजानिया में बढ़ती हिंसा पर चिंता जताई है और शांति बहाली की अपील की है।
सरकार का कहना है कि स्थिति धीरे-धीरे नियंत्रण में आ रही है, लेकिन विपक्ष ने चेतावनी दी है कि जब तक चुनाव को रद्द कर निष्पक्ष रूप से दोबारा मतदान नहीं कराया जाता, तब तक विरोध जारी रहेगा।
