पश्चिम एशिया संकट : PM नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने व्यापार पर असर, कच्चे तेल के दाम बढ़ने पर की चर्चा

पश्चिम एशिया संकट : PM नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने व्यापार पर असर, कच्चे तेल के दाम बढ़ने पर की चर्चा
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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक हुई, जिसमें पश्चिम एशिया संकट और वैश्विक स्तर पर इसके संभावित प्रभाव पर चर्चा हुई. सूत्रों ने आगे बताया कि इस बात की संभावना है कि संकट के बीच भारत में कच्चे तेल की सप्लाई प्रभावित होगी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमतें बढ़ेंगी.गुरुवार को हुई बैठक में मंत्रियों के अलावा वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.

पश्चिम एशिया संकट का भारत पर असर को लेकर चर्चा : सूत्र

सूत्रों ने बताया, "कल कैबिनेट बैठक से पहले यह बैठक हुई. बैठक में पश्चिम एशिया संकट और भारत पर इसके संभावित प्रभाव पर चर्चा हुई. बैठक में वरिष्ठ मंत्रियों के अलावा अधिकारी भी मौजूद थे. पश्चिम एशिया संकट के कारण भारत में कच्चे तेल की आपूर्ति प्रभावित होने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमतें बढ़ने की संभावना है."

भारत ने पश्चिम एशिया में संकट पर अपनी चिंता व्यक्त की है, तथा स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहा है. सूत्रों ने आगे कहा, "इससे भारत के साथ व्यापार भी प्रभावित हो सकता है. भारत ने पश्चिम एशिया में संकट पर अपनी चिंता व्यक्त की है. भारत ने कहा है कि इस संघर्ष को व्यापक रूप नहीं लेना चाहिए. भारत पश्चिम एशिया में स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहा है."

इज़रायली पीएम ईरान को कीमत चुकाने की कही है बात

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायल पर ईरानी मिसाइल हमले को "बड़ी गलती" बताया और कहा कि तेहरान को इसकी कीमत चुकानी होगी. उन्होंने कहा, "ईरान ने आज एक बड़ी गलती की है और उसे इसकी कीमत चुकानी होगी. ईरानी शासन हमारी खुद की रक्षा करने की दृढ़ता व अपने दुश्मनों से बदला लेने की हमारी दृढ़ता को नहीं समझता है."

ईरान के प्रमुख अली खामेनेई ने और अधिक हमले बात कही ईरानी सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने भी इजरायल पर 180 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलों को दागने वाले ईरानी हमले पर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया. खामेनेई ने पोस्ट को "ख़ुदा की ओर से विजय व निकट विजय..." शीर्षक दिया. एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा, "ज़ायोनी शासन के पुराने-लचर व खत्म हो रहे शरीर पर प्रतिरोध मोर्चे के हमले और भी अधिक प्रहारकारी होंगे."

पिछले सप्ताह इज़रायली रक्षा बलों ने लेबनान की राजधानी बेरूत पर सटीक हमले किए, जिसके कारण हिज़बुल्ला प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत हो गई. लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि हसन नसरल्लाह को निशाना बनाकर किए गए हवाई हमलों में नागरिक हताहत हुए, जिसमें कम से कम छह लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए. नसरल्लाह की मौत के बाद, इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के अयातुल्ला शासन को चेतावनी जारी की और कहा कि जो लोग इज़रायल को निशाना बनाएंगे, उन्हें 'परिणाम' भुगतने होंगे और ईरान या मध्य पूर्व में "कोई भी स्थान" "इज़रायल की पहुंच से परे" नहीं है.

हमास के इज़रायल पर हमले के बाद से शुरू हुई ये जंग गौरतलब है कि हमास ने पिछले साल 7 अक्टूबर को इज़रायल के खिलाफ एक बड़े पैमाने पर आतंकवादी हमला किया था, जिसमें 1200 से अधिक लोग मारे गए थे और 250 से अधिक बंधक बनाए गए थे, जिनमें से लगभग 100 अभी भी कैद में हैं.

जवाब में, इज़रायल ने गज़ा पट्टी में हमास इकाइयों को निशाना बनाते हुए एक मजबूत जवाबी हमला किया. हालांकि, बढ़ते नागरिक नुकसान ने क्षेत्र में मानवीय स्थिति पर चिंता जताई है. गज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, संघर्ष में 35,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं.

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