अवैध कॉलोनियों पर कसेगा शिकंजा: ग्रामीण इलाकों को भी नए कानून के दायरे में लाया जाएगा

मध्यप्रदेश सरकार अब केवल शहरों ही नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में बन रही अवैध कॉलोनियों पर भी कड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। नगरीय विकास विभाग ने नियमों में संशोधन का ड्राफ्ट तैयार करते हुए इसका दायरा गांवों तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। राजस्व विभाग ने भी इस प्रस्ताव पर सहमति दे दी है, जिससे साफ है कि जल्द ही पूरे प्रदेश में अवैध कॉलोनियों के खिलाफ एक समान कानून लागू होगा।
संशोधित ड्राफ्ट शासन को भेजने की तैयारी
नगरीय विकास विभाग जल्द ही संशोधित ड्राफ्ट शासन को भेजने वाला है। इस ड्राफ्ट में अवैध कॉलोनियों को रोकने के लिए पहले से कहीं अधिक सख्त प्रावधान जोड़े गए हैं। पार्षद, बिल्डर, डेवलपर, भू-स्वामी, पुलिस अधिकारियों और प्रशासनिक कर्मचारियों तक सभी की जिम्मेदारियां स्पष्ट रूप से तय की जा रही हैं।
जुर्माना 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख
अवैध कॉलोनियां विकसित करने वालों पर अब भारी जुर्माना लगाया जाएगा। पहले यह राशि 10 लाख थी, जिसे बढ़ाकर 50 लाख करने का प्रस्ताव है। इसके माध्यम से सरकार अवैध कॉलोनियों के फैलते नेटवर्क पर प्रभावी रोक लगाने का प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने दिए थे सख्त निर्देश
करीब डेढ़ साल से इस ड्राफ्ट पर काम चल रहा था, लेकिन अधिकारियों के बार-बार बदलने से प्रक्रिया धीमी पड़ गई थी। हाल ही में हुई कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अफसरों को अवैध कॉलोनियों पर कड़ा नियंत्रण करने के निर्देश दिए। इसके बाद एसीएस संजय दुबे ने संशोधित नियमों को ग्रामीण क्षेत्रों में भी लागू करने का निर्णय लिया।
शहरी सीमा से लगे ग्रामीण क्षेत्र बने चिंता का कारण
बताया जा रहा है कि शहरों से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में अनियोजित कॉलोनियों के तेजी से फैलने से शहरी ढांचे पर असर पड़ रहा है। सरकार इन क्षेत्रों को व्यवस्थित विकास के दायरे में लाना चाहती है, ताकि शहरों पर अनियंत्रित विस्तार का दबाव कम हो सके।
