Yemen: Prime Minister Ahmed al-Rahawi killed in Israeli air strike, many ministers and officials also killed: यमन: इजरायल की हवाई हमले में हूती सरकार के प्रधानमंत्री अहमद अल-राहावी की मौत, कई मंत्री मारे गए

सना: यमन की राजधानी सना में 28 अगस्त 2025 को इजरायल के हवाई हमले में हूती नियंत्रित सरकार के प्रधानमंत्री अहमद अल-राहावी और कई अन्य मंत्रियों की मौत हो गई। हूती समूह ने शनिवार को इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि हमले में कई अन्य अधिकारी भी घायल हुए। यह इजरायल और अमेरिका की हूती समूह के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई में से एक है।
हमले का विवरण
हूती समूह के बयान के अनुसार, अहमद अल-राहावी और अन्य मंत्री सना में एक नियमित कार्यशाला में हिस्सा ले रहे थे, जिसमें सरकार के पिछले एक साल के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जा रहा था। इसी दौरान इजरायली वायुसेना ने सना में एक सटीक हमला किया। इजरायली सेना ने इसे "हूती आतंकी शासन के सैन्य ठिकाने" पर हमला करार दिया। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह हमला हूती नेताओं के एकत्र होने की खुफिया जानकारी पर आधारित था, जो समूह के नेता अब्दुल मलिक अल-हूती के एक टेलीविजन भाषण को देखने के लिए जमा हुए थे।
मृतकों और घायलों की जानकारी
हूती समूह ने पुष्टि की कि अहमद अल-राहावी के साथ कई अन्य मंत्री मारे गए, हालांकि अन्य मृतकों के नामों का खुलासा नहीं किया गया। सऊदी अरब के समाचार चैनल अल-हदथ ने दावा किया कि मृतकों में हूती के विदेश मंत्री, न्याय मंत्री, युवा और खेल मंत्री, सामाजिक मामलों और श्रम मंत्री शामिल हैं। इजरायली चैनल 12 ने बिना स्रोत के दावा किया कि संभवतः हूती मंत्रिमंडल के सभी 12 मंत्री मारे गए। हालांकि, हूती रक्षा मंत्री मोहम्मद अल-अतिफी और चीफ ऑफ स्टाफ मुहम्मद अब्द अल-करीम अल-घमारी के मारे जाने की पुष्टि नहीं हुई।
हूती समूह की प्रतिक्रिया
हूती समूह ने हमले की निंदा करते हुए इसे "कायरतापूर्ण ज़ायोनी आक्रामकता" करार दिया। हूती सुप्रीम पॉलिटिकल काउंसिल के प्रमुख महदी अल-मशात ने बयान जारी कर कहा, "हम गाजा के लोगों के समर्थन में अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग रहेंगे और अपनी सैन्य क्षमताओं को और मजबूत करेंगे।" हमले के बाद हूती सरकार ने उपप्रधानमंत्री मोहम्मद अहमद मोफ्ताह को कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया।
इजरायल का दावा
इजरायली सेना ने शुक्रवार को दावा किया कि हमले में हूती समूह के रक्षा मंत्री, चीफ ऑफ स्टाफ और अन्य वरिष्ठ नेताओं को निशाना बनाया गया। इजरायली रक्षा मंत्री इसराइल काट्ज़ ने इसे "जटिल ऑपरेशन" बताया, जो खुफिया जानकारी और हवाई श्रेष्ठता के आधार पर किया गया। इजरायल अभी भी हमले के परिणामों की पुष्टि करने में जुटा है।
