गोपिया कोई शरीर नहीं गोपिया एक उपाधि है -आचार्य शक्ति देव महाराज

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§सुदामा चरित्र ,परीक्षित मोक्ष की कथा होगी 24 को

भीलवाड़ा( हलचल)

श्री पुराना शहर माहेश्वरी सभा भीलवाड़ा के तत्वाधान सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव के तहत बड़े मंदिर की बगीची में आज षष्ठम दिवस की कथा में आचार्य शक्ति देव महाराज श्री ने भागवत कथा में बताया कि गोपियां कोई शरीर नहीं होता गोपिया एक उपाधि का नाम है जो अपने प्रत्येक इंद्रियों से कृष्ण रस का पान करें वही गोपिया कहलाती है गोपियों का मतलब गो यानी इंद्रियां,पी यानी पीना, कथा में भगवान कृष्ण की रासकथा श्रवण कराई, उन्होंने बताया की रासलीला के भाव को समझना कोई साधारण विषय नहीं है रास का मतलब होता है रसो वै सः रास भगवान की भक्ति में जो रस आता है और जो व्यक्ति इस भक्ति रूपी रस में सदैव डूबा रहता है उसे रास कहते हैं यदि हम और आप भी भक्ति के रस में सराबोर होकर झूमने लगे तो समझ जाना चाहिए कि हम भी रास में हैं

उसे समय कृष्ण हमारे साथ में रास क्रीड़ा कर रहे हैं

कथा मीडिया प्रभारी महावीर समदानी ने जानकारी देते हुए बताया की कथा में महाराज ने बताया कि जिन गोपियों के साथ गोविंद ने रास रचाया कोई शरीर का नाम गोपी नहीं है कोई स्त्री गोपी नहीं है गोपी एक उपाधि है जैसे पार्षद कोई व्यक्ति नहीं होता पार्षद एक उपाधि है विधायक एक उपाधि है जो उसे पद पर बैठ जाए वही उस पद के नाम से संबोधित होता है ऐसे ही गोपी उपाधि है

गोपी का मतलब है गो यानी इंद्रिया और पी माने पीना यानी जो अपनी प्रत्येक इंद्रियो से कृष्ण रस का पान करें ,खाते पीते सोते जागते उठते बैठते नाचते गाते जिसे हर समय कृष्ण का स्मरण बना रहे वही गोपी है वह स्त्री पुरुष हम और आप कोई भी हो सकता है कथा में आज राधा रुक्मण की आकर्षक झाकी सजाई गई इसकी सभी भक्तों ने आरती की

कथा में उद्धव का प्रसंग श्रवण कराया और अंत में कृष्ण रुक्मणी का विवाह उत्सव मनाया, कल सुदामा चरित्र परीक्षित मोक्ष ,व्यास पूजन, कथा विश्राम होगी

कथा में भागवत जी की आरती में सत्यनारायण डाड ,फतेह लाल जेथलिया, सत्यनारायण मुंन्दडा, दिलीप तोषनीवाल ,कैलाश दरगड ,प्रहलाद सोमानी, देवेंद्र सोमानी, सत्येंद्र बिरला, केदार जागेटिया ,राधेश्याम सोमानी मरुधरा, सुरेश पटवारी रमेश पटवारी अशोक पटवारी,रतन पटवारी, मुकेश काबरा, महावीर दरक, अशोक दरक सहित सैकड़ो जन उपस्थित है

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