नवरात्रि में यह न करें माने जाते हैं अशुभ

नवरात्रि में यह न करें माने जाते हैं अशुभ
X

वैसे तो नवरात्रि का पर्व पूरे देश में ही धूमधामके साथ मनाया जाता है लेकिन राजस्थान और गुजरात मेंइसका अलग ही बड़ा महत्व है:नवरात्रि का पवित्र समय होता है, जब देवी दुर्गा की नौ रूपों की पूजा की जाती है. इस दौरान कई रीति-रिवाजों और परंपराओं का पालन किया जाता है, जिनमें से एक है दाढ़ी, बाल, और नाखून न काटने की परंपरा. यह सवाल अक्सर उठता है कि आखिर क्यों नवरात्रि में लोग अपने बाल, दाढ़ी, और नाखून काटने से परहेज करते हैं? इसके पीछे धार्मिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक कारण होते हैं, जिनका जानना दिलचस्प ह

धार्मिक कारण

नवरात्रि को भारतीय संस्कृति में एक विशेष महत्व दिया जाता है. इसे शक्ति का पर्व माना जाता है, जिसमें देवी की आराधना की जाती है. हिंदू धर्म में मान्यता है कि इस दौरान शरीर को शुद्ध और प्राकृतिक अवस्था में रखना चाहिए, जिससे कि देवी की कृपा प्राप्त हो सके. बाल और नाखून काटने को एक अशुद्ध क्रिया माना जाता है क्योंकि हमारे शरीर से जुड़ी कोई भी चीज काटने या निकालने से उस पवित्रता में बाधा उत्पन्न होती है. देवी दुर्गा की उपासना के समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है. कई लोग उपवास रखते हैं और जितना हो सके शारीरिक और मानसिक शुद्धता बनाए रखते हैं. इसीलिए, बाल और नाखून न काटना एक प्रकार से इस शुद्धता को बनाए रखने का तरीका है, जिससे पूजा और साधना के दौरान किसी प्रकार की अशुद्धि न हो.

आध्यात्मिक कारण

नवरात्रि का समय केवल बाहरी शुद्धता का नहीं, बल्कि आंतरिक शुद्धता का भी पर्व है. ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए साधकों को अपने शरीर को प्राकृतिक अवस्था में रखना चाहिए. बाल और नाखून काटना एक बाहरी क्रिया मानी जाती है, जो भौतिक शरीर पर केंद्रित है. जबकि नवरात्रि के दौरान ध्यान और साधना में आंतरिक शुद्धता पर अधिक जोर दिया जाता है. बाल और नाखून न काटने का आध्यात्मिक अर्थ यह भी है कि इन नौ दिनों में हमें अपनी भौतिक इच्छाओं और जरूरतों को कम से कम रखना चाहिए. यह समय तपस्या और साधना का होता है, जिसमें साधक अपने शरीर और मन पर नियंत्रण रखते हैं. दाढ़ी, बाल और नाखून न काटने से व्यक्ति का ध्यान भौतिक सुख-सुविधाओं से हटकर आध्यात्मिक उन्नति की ओर जाता है.

वैज्ञानिक कारण

धार्मिक और आध्यात्मिक कारणों के अलावा, नवरात्रि में दाढ़ी, बाल और नाखून न काटने के पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं. हमारे शरीर से जुड़ी हर चीज़ का एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण होता है. बाल और नाखून काटने की प्रक्रिया से शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बदल सकता है। पुराने समय में लोग मानते थे कि शरीर के बाल और नाखून प्राकृतिक रूप से बढ़ते हैं और इन्हें काटना हमारे शरीर की ऊर्जा को प्रभावित कर सकता है. इसके अलावा, नवरात्रि के समय वातावरण और मौसम में बदलाव आता है. यह समय अक्सर सर्दी या बदलते मौसम का होता है, ऐसे में बाल और नाखून न काटना स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी हो सकता है. हमारे शरीर का तापमान संतुलित रहता है और बालों को काटने से शरीर के हिस्से खुल जाते हैं, जिससे संक्रमण और बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.

पवित्रता और स्वास्थ्य का संबंध

भारत में विभिन्न त्यौहारों के साथ स्वच्छता और शुद्धता का खास संबंध होता है. नवरात्रि में दाढ़ी, बाल और नाखून न काटना सिर्फ धार्मिक कारणों से ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दौरान किए गए व्रत और उपवास से शरीर की आंतरिक सफाई होती है. ऐसे में शरीर के बाहरी हिस्सों को काटने या छेड़छाड़ करने से शारीरिक ऊर्जा में व्यवधान आ सकता है. इसके साथ ही, हमारे पूर्वजों ने जिन परंपराओं को अपनाया था, वे आज के आधुनिक विज्ञान के साथ भी मेल खाती हैं. यह एक प्रकार का अनुशासन है जो हमें अपनी दिनचर्या में शांति और स्थिरता बनाए रखने में मदद करता है.

Add a comment...

Cancel

Comment

वन नेशन वन इलेक्‍शन मामला

वन नेशन वन इलेक्‍शन से क्या होगा?

बीजेपी की इलेक्‍शन मशीनरी मजबूत है, एक बार में चुनाव हुए तो बीजेपी की ताकत बहुत बढ़ जाएगी.

इंडिया ब्लॉक को झटका लगेगा क्योंकि कई पार्टियां केंद्र में साथ पर राज्यों में अलग चुनाव लड़ती है.

देश को बड़ा फायदा होगा क्योंकि बार-बार चुनाव में होने वाला खर्चा कम हो जाएगा.

शुरुआत में यही व्यवस्‍था थी. लेकिन कारगर नहीं हुई. यह फिर से फेल हो जाएगी.

View Result

Life and Style

Button Image

Button Image

फॉलो करें

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

googleplay

iosstore

2023 Trends and 2024 Predictions on Cyber Insurance

Sophos Cybersecurity

Sophos Cybersecurity

|

Sponsored

Top Public Speaking Course for Children

Exclusively for Ages 4-15

Planet Spark

|

Sponsored

Bhilwara: Best Public Speaking Course for Children

Exclusively for Ages 4-15

Planet Spark

|

Sponsored

घुटने के दर्द का घरेलू समाधान

Sehathon

|

Sponsored

State

Jharkhand News Bihar News Uttar Pradesh News West Bengal News Delhi News Chhattisgarh News Odisha News Uttarakhand News Gujarat News Maharashtra News Madhya Pradesh News Rajasthan News Haryana News

Top Section

State T20 World Cup Entertainment Prabhat Khabar Special Business Horoscope Religion Education Life and Style Automobile Technology Web Stories Health Video Travel

Today E-Paper (Aaj Ka Akhbar)

Ranchi Patna Kolkata Jamshedpur Dhanbad Deoghar Muzaffarpur Bhagalpur Gaya

Astrology

Astrology News Aaj Ka Rashifal Aaj Ka Love Rashifal Aaj ka Panchang Weekly Rashifal Vastu Tips

Entertainment

Bhojpuri News Movie Reviews Web series News OTT News TV Serial News

Life And Style

Health News Fitness Tips Skin care Tips Bizarre News Viral Videos Women Health Lifestyle Tips Fashion Parenting tips Travel

Sports

Sports News Paris Olympics 2024 IPL 2024 T20 World Cup News

Education

Career News Admissions Career Guidance Admissions Sarkari Naukri Sarkari Results

Connect with us

email Facebook Twitter whatsapp googlenews rss

Download App

Calculator: FD Gratuity Age Car Loan Fuel Home Loan Personal Loan EMI NPS Post Office RD BMI SSY PPF PF SIP SWP GST Lumpsum Income Tax Compound Interest

About Us Contact Us Grievance Investor Relations Authors Privacy Policy Terms & Conditions Advertise With Us

Copyright © 2024 Prabhat Khabar (NPHL)

शेयर करे

ऐप पर पढें

होम

Next Story