भाई दूज का पर्व बहुत महत्व
भीलवाड़ा में भाई दूज का पर्व 3 नवंबर को मनाया जाएगा इस पर्व के साथ पांच दिवसीय दिवाली उत्सव का समापन भी होगा है। भाई दूज का पर्व बहन और भाई के प्रति विश्वास और प्रेम का होता है। हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। देशभर में भाई दूज को अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। इस दिन को भाई बहन के प्यार और स्नेह का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बहने भाईयों के लिए व्रत रखती हैं और विधि विधान के साथ पूजा करती हैं। इस दिन कुछ खास उपाय करने से आपको कई तरह के लाभ मिल सकते हैं।
भैया दूज के उपाय
भाई दूज के दिन बहनें भाई के साथ यमुना नदी में स्नान करें, इससे घर में खुशहाली आएगी और भाई के साथ आपका रिश्ता और भी मजबूत होता है।
भाई दूज के दिन भाई को बहन के घर जाना चाहिए और बहन को तिलक लगाकर भाई को खाना खिलाकर स्वागत करना चाहिए। ऐसा करने से दोनों के जीवन में खुशहाली बनी रहती है।
इस दिन तिलक करते समय बहनें "गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजा कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े, का जाप करना चाहिए। इसे बेहद शुभ माना जाता है।
भैया दूज के दिन बहनों को यमराज के नाम से चौमुखी दीपक जलाकर घर के बाहर रखना चाहिए। इससे भाई की आयु बढ़ती है।
भैया दूज के दिन किसी गरीब या जरूरतमंद को खाना खिलाना चाहिए। ऐसा करने से भाई की आयु बढ़ती है और घर में खुशहाली आती है।
भाई दूज पर पूजा करने के लिए सबसे पहले आटा से चौक बनाएं। इसके बाद भाई को इस चौक पर पूर्व की ओर मुंह करके बिठाएं और भाई के सिर पर फूल, पान, सुपारी और पैसा रखकर माथे पर तिलक करें।
इसके बाद तिलक लगाने के बाद भाई के हाथों में कलावा बांधे और हमेशा रक्षा करने का संकल्प लें। इससे भाई-बहन का प्यार बरकरार रहता है।