राम मंदिर के बाद अब पुनौरा धाम का ऐश्वर्य दिखेगा

राम मंदिर के बाद अब पुनौरा धाम का ऐश्वर्य दिखेगा
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अयोध्या . श्री राम मंदिर की स्थापना के बाद, अब उनकी अर्धांगिनी माता सीता की प्राकट्य-स्थली, बिहार के सीतामढ़ी स्थित पुनौरा धाम, में एक भव्य जानकी मंदिर का निर्माण होने जा रहा है। इसका भूमि पूजन और शिलान्यास 8 अगस्त को संपन्न हो गया है। यह मंदिर परिसर न केवल एक विश्वस्तरीय धार्मिक केंद्र बनेगा, बल्कि इसे नियोजित रूप से सीतामढ़ी शहर से भी अधिक भव्य और सुव्यवस्थित बनाने की योजना है।

परियोजना की मुख्य बातें:

नाम: पुनौरा धाम जानकी मंदिर।

स्थान: राम मंदिर के बाद अब पुनौरा धाम का ऐश्वर्य दिखेगापुनौरा धाम, सीतामढ़ी, बिहार (सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन से 5 किमी पश्चिम में)।

बजट: बिहार सरकार द्वारा ₹882 करोड़ 87 लाख की योजना स्वीकृत।

कुल क्षेत्रफल: 50 एकड़ भूमि के अधिग्रहण के बाद कुल 67 एकड़ में फैला होगा।

वास्तुशिल्प: मंदिर का डिज़ाइन उसी फर्म द्वारा किया जा रहा है जिसने अयोध्या के राम मंदिर को डिज़ाइन किया है।

ऊंचाई: प्रस्तावित मंदिर की ऊंचाई 156 फीट होगी, जो अयोध्या राम मंदिर से मात्र 5 फीट कम है।

महत्व: यह राम-जानकी मार्ग (अयोध्या से जनकपुर) पर स्थित होगा और रामायण सर्किट का एक प्रमुख केंद्र बनेगा।

मंदिर परिसर की संरचना:

मंदिर परिसर को चारों दिशाओं से सुलभ बनाया जाएगा और इसमें निम्नलिखित सुविधाएं होंगी:

पूर्वी छोर: मुख्य प्रवेश द्वार और स्वागत केंद्र।

उत्तरी दिशा: यात्रियों के लिए सुविधाएं और एक पुस्तकालय।

दक्षिणी दिशा: भंडारा स्थल (सामुदायिक रसोई) और यज्ञ मंडप।

पश्चिमी दिशा: ऐतिहासिक जानकी कुंड और एक म्यूजियम।

मध्य भाग: मंदिर का मुख्य गर्भगृह।

अन्य सुविधाएं: बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए ई-कार्ट सेवा, वेद पाठशाला और मिथिला हाट।

कैसे पहुंचें:

सड़क मार्ग: यह स्थल राम-जानकी मार्ग पर स्थित है और सीतामढ़ी शहर से सीधे जुड़ा हुआ है।

रेल मार्ग: सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन (लगभग 5 किमी दूर)।

हवाई मार्ग: नजदीकी हवाई अड्डे दरभंगा (70 किमी) और पटना (150 किमी) हैं।

संभावित प्रभाव:

यह महात्वाकांक्षी परियोजना सिर्फ एक मंदिर निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह क्षेत्र के लिए एक सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक पुनर्जागरण का प्रतीक है। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, हजारों रोजगार के अवसर (होटल, गाइड, हस्तशिल्प आदि में) पैदा होंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

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