पितृ पक्ष में इन चीजों से करें महादेव का अभिषेक

भीलवाड़ा ।पितृ पक्ष को लेकर धर्मनिष्ठ लोगों में आस्था और श्रद्धा का माहौल बना हुआ है। इस अवधि में बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा और पवित्र नदियों में स्नान कर पितरों की शांति के लिए विशेष पूजा-पाठ करते हैं। मान्यता है कि इस काल में तर्पण और पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उनके आशीर्वाद से परिवार पर सुख-समृद्धि कायम रहती है।
पितृ पक्ष में श्रद्धालुओं की आस्था
श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करते हैं।
गरुड़ पुराण के अनुसार, पितृ पक्ष में तर्पण से तीन पीढ़ियों तक के पूर्वजों का उद्धार होता है।
माना जाता है कि पितरों की कृपा से साधक का जीवन तनावमुक्त और सुखदायी बनता है।
पितृ दोष से मुक्ति के उपाय
गंगा स्नान करें या घर पर गंगाजल युक्त जल से स्नान करें, फिर भगवान शिव का अभिषेक करें।
गंगाजल में काले तिल और बेलपत्र मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें, इससे राहु-केतु की बाधाएं दूर होती हैं।
गाय के कच्चे दूध में काले तिल डालकर अभिषेक करने से पितरों की आत्मा प्रसन्न होकर मोक्ष प्राप्त करती है।
पीपल वृक्ष को पूजनीय मानते हुए, उसके पत्ते गंगाजल में डालकर शिवलिंग पर अभिषेक करने से पितरों की कृपा मिलती है।
स्नान-ध्यान के बाद गंगाजल में काले तिल और जौ मिलाकर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके अभिषेक करने से तीन पीढ़ियों तक के पूर्वज मोक्ष को प्राप्त होते हैं।
संध्याकाल में दक्षिण दिशा में दीपक जलाकर पितरों का स्मरण और प्रणाम करना वंश में वृद्धि और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है।
धार्मिक मान्यता
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, पितृ पक्ष केवल पितरों का स्मरण मात्र नहीं, बल्कि पूर्वजों के आशीर्वाद से जीवन में संतुलन और उन्नति प्राप्त करने का अवसर है। यही कारण है कि इस अवधि को सनातन धर्म में विशेष महत्व दिया गया है और लाखों श्रद्धालु अपनी आस्था इस दौरान पवित्र नदियों और मंदिरों में व्यक्त करते हैं।
