जो कर्तव्य को भूला स्वार्थ में डूब जाता है वह मार्ग से भटक जाता है-महाप्रज्ञाजी

जो कर्तव्य को भूला स्वार्थ में डूब जाता है वह मार्ग से भटक जाता है-महाप्रज्ञाजी
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भीलवाड़ा। आत्मा पर कर्मो का कर्जा चढ़ाकर इस संसार से विदा मत होना। जब कर्मो का कर्ज चुकाकर इस दुनिया से विदा होते है तो हमारी आत्मा अनंत सुखों में विलीन हो जाती है। इन्द्रीय विषयों के प्रति अनासक्ति ही श्रमण संस्कृति का मूलाधार है। जो कर्तव्य के आंसूओं को भूलाकार स्वार्थ के आंसूओ में डूब जाता है वह अपने मार्ग से भटक जाता है। मांगने से पहले अपर्ण करना सीख गए तो दिया हुआ प्रसाद हो जाएगा। ये विचार श्रमण संघीय जैन दिवाकरीय मालव सिंहनी पूज्या श्री कमलावतीजी म.सा. की सुशिष्या अनुष्ठान आराधिका ज्योतिष चन्द्रिका महासाध्वी डॉ. कुमुदलताजी म.सा. के सानिध्य में स्वर साम्राज्ञी डॉ. महाप्रज्ञाजी म.सा. ने आध्यात्मिक चातुर्मास आयोजन समिति द्वारा सुभाषनगर श्रीसंघ के तत्वावधान में दिवाकर कमला दरबार में बुधवार को भगवान महावीर गाथा का वाचन करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने उत्तराध्ययन सूत्र के सातवें अध्याय औरभ्रीय, आठवें अध्याय कापिलीय एवं नवें अध्याय नमी पवज्जा की व्याख्या करते हुए कहा कि जिनके भाव परिवर्तित होते है तो उन्हें धन वैभव तुच्छ लगते है ओर संतोष के सहारे तृष्णा रूपी शत्रु पर विजय प्राप्त कर लेते है। परिणामों की शुद्धि ओर चार घाति कर्मो का क्षय हुआ ओर केवल ज्ञानी बन गए। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे लाभ बढ़ता जाता है वैसे ही लोभ भी बढ़ता जाता है। जिसे अपनी आत्मा में छुपा वैभव दिख जाता है उसे बाहर के खजाने से कोई मतलब नहीं रहता है। दुनिया स्वार्थ के लिए ही जीती है ओर इसके लिए ही रोती भी है। जहां अनेक होते है वहां संघर्ष ओर जहां एक होते है वहां शांति होती है। आत्मा को जीतने से ही सच्चे सुख की प्राप्ति होती है। धर्मसभा में विद्याभिलाषी राजकीर्तिजी म.सा. ने भगवान महावीर स्वामी की अंतिम देशना उत्तराध्ययन सूत्र के मूल पाठ का वाचन करते हुए 22वें अध्ययन तक का वाचन पूर्ण किया। वास्तुशिल्पी पद्मकीर्तिजी म.सा. का भी सानिध्य प्राप्त हुआ। धर्मसभा में विभिन्न स्थानों से पधारे अतिथियों का स्वागत आध्यात्मिक चातुर्मास आयोजन समिति एवं सुभाषनगर श्रीसंघ द्वारा किया गया। संचालन चातुर्मास समिति के सचिव राजेन्द्र सुराना ने किया। चातुर्मास के तहत गुरूवार सुबह 8.30 बजे भगवान महावीर स्वामी की अंतिम देशना उत्तराध्ययन सूत्र के मूल पाठ का वाचन विद्याभिलाषी राजकीर्तिजी म.सा. द्वारा किया जाएगा। साप्ताहिक अनुष्ठान आराधना के तहत सुबह 8.45 बजे से श्री तिजयपहुत स्रोत का जाप होगा। अनुष्ठान सम्पन्न होने पर 90 दिन की तपस्या पूर्ण करने वाले सादी के नाकोड़ा धाम के तपस्वी रत्न धनराज शर्मा का अभिनंदन भी किया जाएगा।

सजोड़ा श्री घंटाकर्ण महावीर अनुष्ठान के लिए पंजीयन आज तक

महासाध्वी मण्डल के सानिध्य में 19 अक्टूबर को धन तेरस पर सजोड़ा श्री घंटाकर्ण महावीर अनुष्ठान का आयोजन होगा। इसे लेकर श्रावक श्राविकाओं में उत्साह का वातावरण है। साध्वी मण्डल द्वारा निरन्तर इस अनुष्ठान में शामिल होने की प्रेरणा भी प्रदान की जा रही है। आध्यात्मिक चातुर्मास आयोजन समिति भीलवाड़ा द्वारा श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक समिति सुभाषनगर के तत्वावधान में तथा राष्ट्रीय महामंगलकारी अनुष्ठान समिति के प्रायोजन में होने वाला यह अनुष्ठान सुबह 8.15 से 10.30 बजे तक आरसी व्यास कॉलोनी में गेट न.33 के पास स्कूल के नजदीक ग्राउण्ड में होगा। इसमें शामिल होने के इच्छुक श्रावक-श्राविकाओं के लिए पंजीयन का अंतिम अवसर गुरूवार 16 अक्टूबर तक है। अब तक सैकड़ो श्रावक श्राविका पंजीयन करा चुके है। पंजीयन कूपन चातुर्मास समिति द्वारा सुभाषनगर स्थानक में प्रदान किए जा रहे है।

ज्ञान पंचमी पर सरस्वती अनुष्ठान एवं आगम यात्रा 26 अक्टूबर को

चातुर्मासिक आयोजनों के तहत 26 अक्टूबर को ज्ञान पंचमी पर सरस्वती अनुष्ठान होगा। इससे पूर्व सुबह सुभाषनगर स्थानक से कार्यक्रम स्थल तक वरघोड़ा के साथ भव्य आगम यात्रा भी निकाली जाएगी। हर शुक्रवार को होने वाली पद्मावति एकासन आराधना का उद्यापन 31 अक्टूबर को होगा। भगवान महावीर निर्वाण कल्याणक महोत्सव 21 अक्टूबर को मनाया जाएगा एवं जैन नववर्ष गौतम प्रतिपदा पर 22 अक्टूबर सुबह उत्तराध्ययन सूत्र के 36वें अध्याय का वाचन एवं गौतम रास होगा। इसके बाद गौतम लब्धि खीर का प्रसाद वितरित किया जाएगा।

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