हेलीकॉप्टर से आई ठाकुरजी की बारात, आसमान से बरसे फूल: , भक्त झूम उठे — देवउठनी ग्यारस पर चावंडिया बना ब्रजधाम

, भक्त झूम उठे — देवउठनी ग्यारस पर चावंडिया बना ब्रजधाम
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गंगापुर उपखंड के चावंडिया गांव में शनिवार को देवउठनी ग्यारस का नजारा देखने लायक था। ठाकुरजी की बारात इस बार धरती नहीं, आसमान से आई — हेलीकॉप्टर से! जैसे ही आकाश में गूंजा रोटर का शोर, पूरा गांव जयघोषों से गूंज उठा — “जय बाड़िया श्याम की जय”, “ठाकुरजी की जय”!

आकाश से पुष्पवर्षा, धरती पर भक्ति का सैला

सुबह 10:30 बजे जैसे ही हेलीकॉप्टर उतरा, श्रद्धालु झूम उठे। फूलों की बारिश के बीच ठाकुरजी की बारात का स्वागत बैंड-बाजों और जयघोषों से हुआ। शोभायात्रा छमूंडिया गांव से रवाना होकर चावंडिया पहुंची, जहां तुलसी माता के संग ठाकुरजी का विवाह पूरे वैदिक विधि-विधान से संपन्न हुआ। पूरा माहौल भक्ति, उल्लास और श्रद्धा से सराबोर था।

भंडारे में 11 व्यंजन, 50 हलवाई, 11 हजार श्रद्धालु

इस आयोजन की भव्यता का अंदाज़ इसी से लगाया जा सकता है कि 11 हजार श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। 50 हलवाइयों की टीम ने 11 प्रकार के व्यंजन और मिठाइयां तैयार कीं। दीपमालाओं, झालरों और फूलों से सजा स्थल रात में किसी स्वर्गिक लोक की तरह चमक रहा था।

पांच जोड़ों ने भी लिए सात फेरे

इस अवसर पर पांच जोड़ों का धर्म विवाह भी संपन्न हुआ — दो ब्राह्मण समाज और तीन वैष्णव समाज से। तुलसी विवाह और इन जोड़ों के फेरे एक साथ होते ही हर आंख नम हो गई, वातावरण में शंखनाद और मंत्रों की ध्वनि गूंज उठी।

भक्ति और आधुनिकता का संगम बना आयोजन

सुरेश कुमावत परिवार द्वारा आयोजित इस अद्भुत कार्यक्रम में धर्म, आस्था और आधुनिकता का संगम देखने को मिला। हेलीकॉप्टर से आई ठाकुरजी की बारात ने देवउठनी ग्यारस के इस दिन को इतिहास में दर्ज कर दिया। चावंडिया गांव और आसपास के इलाके के लोग कहते हैं — “ऐसा विवाह पहले कभी नहीं देखा!”

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