7 सितंबर को लगेगा चंद्र ग्रहण, सूतक लगते ही मंदिरों के कपाट होंगे बंद

भीलवाड़ा हलचल। आगामी 7 सितंबर को लगने वाले चंद्र ग्रहण को लेकर जिलेभर में धार्मिक और आस्थामय माहौल बन गया है। ग्रहण के कारण मंदिरों में विशेष व्यवस्थाएँ की जा रही हैं और सूतक काल लगते ही सभी मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
गांव व्यास राजेंद्र शर्मा ने जानकारी दी कि चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर 12:50 बजे से प्रारंभ हो जाएगा। मान्यता है कि इस काल में किसी भी प्रकार का शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। पूजा-पाठ, हवन या मांगलिक कार्यों को सूतक लगने से पहले ही संपन्न करना उचित माना गया है। ग्रहण का मुख्य समय रात 9:50 बजे से शुरू होकर रात 1:27 बजे तक रहेगा। इस दौरान भक्तजन घरों में भी मंत्र-जप, भजन और ध्यान में लीन रहकर ग्रहण का व्रत कर सकते हैं।
ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिरों के कपाट पुनः खोले जाएंगे और शुद्धिकरण के बाद ही नियमित पूजा-अर्चना की जाएगी।
ग्रहण में दान-पुण्य का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्र ग्रहण के समय दान-पुण्य का विशेष महत्व बताया गया है। इस अवसर पर जरुरतमंदों को अन्न, वस्त्र, अनाज, तिल, चावल और अन्य वस्तुओं का दान करना पुण्यकारी माना जाता है। दान करने से पापों का क्षय होता है और ग्रह दोषों का प्रभाव भी कम होता है।
पंडितों का कहना है कि ग्रहण काल में किया गया दान साधारण दिनों से कई गुना फलदायी होता है। इसलिए श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे अपनी आस्था और सामर्थ्य के अनुसार दान जरूर करें।
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क्या आप चाहेंगे कि मैं इसमें मंदिरवार सूची (भीलवाड़ा शहर के प्रमुख मंदिरों) का जिक्र भी जोड़ दूँ, जहाँ कपाट बंद रहेंगे?
