जीवन में किसी से तुलना ना करें

जीवन में किसी से तुलना ना करें
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जीवन में सफलता की राह पर चलना हम सभी का सपना होता है, लेकिन अक्सर हम अपनी ज़िंदगी की तुलना दूसरों से करने लगते हैं. ऐसे में हम अपनी असल खुशियों को खो बैठते हैं. प्रसिद्ध भक्ति गायिका और आध्यात्मिक गुरु जय किशोरी जी ने जीवन में तुलना ना करने पर एक अहम संदेश दिया है, जो हमें अपनी ज़िंदगी को समझने और जीने के तरीके को नया दृष्टिकोण देता है.

जय किशोरी जी ने एक बार अपने एक प्रवचन में बड़े ही दिलचस्प तरीके से इस मुद्दे पर बात की. उन्होंने कहा, “जीवन एक किताब की तरह है, जिसमें हर किसी की कहानी अलग है. आप अपनी कहानी को अपनी तरह से जीएं और किसी और की किताब से अपनी तुलना न करें.” Do not Compare your life with other…

जीवन में किसी से तुलना ना करें

उन्होंने यह भी समझाया कि, “जैसे परीक्षा में सभी छात्रों के लिए एक ही प्रश्न पत्र होता है, और कुछ छात्र इसे कॉपी करके पास कर जाते हैं, लेकिन जीवन में ऐसा नहीं होता. हर किसी के जीवन की परिस्थितियाँ, संघर्ष, और अनुभव अलग होते हैं. इसलिए जीवन में किसी से भी अपनी तुलना करना बेकार है.”

इस उदाहरण के माध्यम से, जय किशोरी जी ने यह स्पष्ट किया कि जीवन में सफलता पाने का कोई एकमात्र तरीका नहीं होता. हर व्यक्ति के जीवन की राह अलग होती है और यही उसे अद्वितीय बनाता है.

उनके इस संदेश ने यह स्पष्ट किया कि हमें अपनी यात्रा को अपनी परिस्थितियों और अपनी क्षमताओं के आधार पर देखना चाहिए. दूसरे लोगों की सफलता या असफलता से अपनी सफलता की मापदंड तय करना गलत है. हमारे लिए जो सही है, वही हमारी सफलता की कुंजी हो सकती है.

जय किशोरी जी का कहना है कि हमे अपनी ज़िंदगी को पूरी तरह से जीना चाहिए, बिना किसी की परवाह किए. हर दिन एक नया अवसर है, अपने आपको समझने और अपनी राह पर चलने का.

अंत में, जय किशोरी जी ने यह प्रेरणादायक शब्द कहे, “अपने जीवन के हर पल को अपनी तरह से जीयो. किसी और की सफलता को देखकर खुद को छोटा महसूस मत करो. जब तुम अपनी खुद की राह पर चलोगे, तब तुम्हें असली खुशी मिलेगी.”

उनके इन शब्दों से यह स्पष्ट होता है कि जीवन को सच्चे मन से जीने का अर्थ है अपने अंदर की आवाज़ को सुनना और उसी के अनुसार चलना. हमें अपनी यात्रा पर भरोसा रखना चाहिए और किसी और के रास्ते पर चलने से बचना चाहिए, क्योंकि हमारी जीवन की राह सबसे अनमोल है.

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