हाथरस में हादसा: फरार हुआ हरि भोले बाबा, 17 साल पहले नौकरी छोड़ बना था कथावाचक

फरार हुआ हरि भोले बाबा, 17 साल पहले नौकरी छोड़ बना था कथावाचक
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उत्तर प्रदेश के सिकंदराराऊ से एटा रोड पर फुलरई गांव में सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से करीब 130लोगों की मौत हो गई है। जानकारी के मुताबिक, यहां कथावाचक बाबा साकार विश्व हरि भोले बाबा का सत्संग चल रहा था।इस बड़े हादसे के बाद हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर कथावाचक बाबा साकार विश्व हरि भोले बाबा कौन है, जिनके सत्संग में इतनी बड़ी संख्या में अनुयायी पहुंचे हुए थे। यहां जानें कथावाचक बाबा साकार विश्व हरि भोले बाबा के बारे में विस्तार से

ये ही फ्हचान

कथावाचक साकार विश्व हरि भोले बाबा का सत्संग हो रहा था। उन्हें अनुयायी भोले बाबा के नाम से पुकारते हैं। हादसे के बाद से भोले बाबा फरार है। अभी तक उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।



कौन है बाबा साकार विश्व हरि भोले बाबा

इस बड़े हादसे के बाद हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर कथावाचक बाबा साकार विश्व हरि भोले बाबा कौन है, जिनके सत्संग में इतनी बड़ी संख्या में अनुयायी पहुंचे हुए थे। यहां जानें कथावाचक बाबा साकार विश्व हरि भोले बाबा के बारे में विस्तार से

हादसे के बाद से फरार है बाबा भोले

हाथरस में जिस कथावाचक साकार विश्व हरि भोले बाबा का सत्संग हो रहा था। उन्हें अनुयायी भोले बाबा के नाम से पुकारते हैं। हादसे के बाद से भोले बाबा फरार है। अभी तक उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।

17 साल पहले छोड़ी थी पुलिस की नौकरी

कथावाचक बाबा साकार विश्व हरि भोले बाबा का असल नाम सूरज पाल है और उसने करीब 17 साल पहले पुलिस कांस्टेबल की नौकरी छोड़कर सत्संग शुरू किया था। नौकरी छोड़ने के बाद सूरज पाल साकार विश्व हरि भोले बाबा बन गया और पटियाली में अपना आश्रम बनाया। गरीब और वंचित तबके के बीच में भोले बाबा की प्रसिद्धि तेजी से बढ़ी और लाखों की संख्या में उनके अनुयायियों बन गए।

सूट में होते हैं भोले बाबा

भोले बाबा जब पुलिस की नौकरी में था और वर्दी में ही प्रवचन देने लगता था। पूरे पुलिस महकमे में इस कारण वह चर्चा में आ गया था। आखिरकार जब नौकरी छोड़ी तब भी सूट में ही मंच पर आता है।

बाबा भोले के बारे में खास बातें




बाबा भोले का असली नाम सूरज पाल है।

सूरज पाल जिला कासगंज के बहादुर नगर का रहने वाला है।

बाबा भोले के पिता पिता किसान थे।

बाबा भोले अलीगढ़ के अतरौली में सिपाही पद पर तैनात था।

पदोन्नत होने के बाद एसआई बना लेकिन कुछ समय बाद नौकरी छोड़ दी।

3 राज्यों में है भोले बाबा के अनुयायी

कथावाचक भोले बाबा के उत्तर प्रदेश के साथ-साथ राजस्थान और मध्य प्रदेश में काफी ज्यादा अनुयायी है। सबसे खास बात ये है कि उनके अनुयायी हमेशा मीडिया से दूरी बनाकर रखते हैं।

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