घर में कैसे विराजें गणपति बप्पा को, शास्त्र के अनुसार जानें विधि-नियम और मंत्र
गणेश चतुर्थी हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से प्रारंभ होकर अनंत चतुर्दशी तिथि तक मनाया जाता है। यह 10 दिनों का त्यौहार होता है। इस साल यह त्योहार 7 सितंबर शनिवार से प्रारंभ होगा, जो 17 सितंबर, मंगलवार को गणेश विसर्जन के साथ समाप्त होगा। गणेश चतुर्थी के दिन विघ्नहर्ता गणपति महाराज को विधि-विधान के साथ घर में विराजित किया जाता है। आइए जानते हैं लंबोदर महाराज को स्थापित करने की विधि, मुहूर्त और मंत्र।
गणेश चतुर्थी 2024: गणपति महाराज को स्थापित करने का मुहूर्त
भाद्रपद शुक्ल की चतुर्थी तिथि प्रारंभ- 06 सितंबर 2024, शुक्रवार को दोपहर 03 बजकर 03 मिनट
भाद्रपद शुक्ल की चतुर्थी तिथि समाप्त - 07 सितंबर 2024, शनिवार को शाम 05 बजकर 38 मिनट
गणपति स्थापना का मुहूर्त - 07 सितंबर 2024, शनिवार को सुबह 11 बजकर 02 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 33 मिनट तक
गणेश चतुर्थी 2024: गणपति महाराज की स्थापना विधि
गणेश चतुर्थी के दिन स्नान आदि करके साफ वस्त्र धारण करके भगवान गणेश की मूर्ति लानी चाहिए। चौकी को गंगाजल से शुद्ध कर उसपर लाल या हरे रंग का साफ वस्त्र बिछाएं। इसके बाद आसन पर पर अक्षत रखें और अक्षत के ऊपर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें। भगवान गणेश की मूर्ति पर गंगाजल छिड़कें। भगवान गणेश को जनेऊ धारण कराएं और बाएं ओर अक्षत रखकर कलश स्थापना करें।
गणेश चतुर्थी 2024: इस विधि से करें कलश स्थापना
कलश पर स्वास्तिक का चिन्ह भी बनाएं। कलश में आम के पत्ते और नारियल पर कलावा बांधकर कलश पर रखें। कलश स्थापना के बाद गणपति बप्पा को दूर्वा अर्पित करने के बाद उन्हें पंचमेवा और मोदक का भोग लगाएं। भगवान गणेश को फूल-माला, रोली आदि अर्पित करें। गणपति जी का अब रोली से तिलक करें। तिलक करने के बाद गणेश जी के सामने अखंड दीपक जलाएं और यह दाईं ओर रख दें। अब भगवान गणेश की आरती उतारें।
गणेश चतुर्थी 2024: गणेश स्थापना मंत्र
अस्य प्राण प्रतिषठन्तु अस्य प्राणा: क्षरंतु च।
अस्यै देवत्वमर्चार्यै मामहेति च कश्चन
ऊं सिद्धि-बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतयें नम:।
सुप्रतिष्ठो वरदो भव।।