हरणी महादेव के साथ ही सावन के पहले दिन सोमवार को शिवालयों में उमड़ी भक्तों की भीड़,: हर हर महादेव की गूंज से भक्तिमय हुआ वातावरण

हर हर महादेव की गूंज से भक्तिमय हुआ वातावरण
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भीलवाड़ा(विजय गढ़वाल)।भगवान भोले शंकर को समर्पित श्रावण-मास के पहले सोमवार को हरणी महादेव , तिलस्वां महादेव के साथ ही जिले भर के सभी शिवालय भोले के जयकारों से गूंज उठे. भीलवाड़ा शहर के समीप प्राचीन हरनी महादेव मंदिर में शिव भक्तों की बड़े तड़के से ही लंबी-लंबी कतारें लग गई और भगवान शिव के दर्शन के लिए श्रद्धालु सोमवार को अल्प सुबह से ही शिवालय पहुंचने लगें. वहीं, भक्तों की आवक की व्यवस्थाओं को लेकर हरणी महादेव मंदिर ट्रस्ट व सेवा समिति के साथ पुलिस प्रशासन की ओर से पुख्ता बंदोबस्त किए हुए हैं.


हरणी मंदिर ट्रस्टी महादेव जाट ने कहा कि आज सावन मास की शुरुआते सोमवार के दिन से होने से हजारों की संख्या में भक्तों का मंदिर में आना शुरू हो गया है. श्रद्धालु अन्नू माली ने कहा कि आज सावन मास का पहला सोमवार है. हरनी महादेव मंदिर की प्राचीन काल से ही बड़ी मान्यता है. हम यही मनोकामना करते हैं कि यहां आने वाले हर श्रद्धालु की मनोकामना पूर्ण हो.

तिलस्वा महादेव , पातोला महादेव, पीपलेश्वर महादेव मंदिर सहित सैकड़ों शिवालय भोले के जयकारों से गूजें रहे हे। मंदिरों में भगवान शंकर की विशेष पूजा की जाती

प्रसाद वितरण




हरनी महादेव में सावन के पहले दिन भगवान शिव के दर्शन कर मंदिर से निकलने वाले सभी भक्तो को प्रसाद वितरित किया गया .इस मोके पर पत्रकार कैलाश त्रिवेदी , राजकुमार माली , महादेव जाट ,राम प्रकाश बहेड़िया रामगोपाल अग्रवाल मुकेश जाट आदि ने प्रसाद वितरण की शुरुआती की


शिवमय हुआ वातावरण

आज सोमवार को सावन महीने की शुरुआत के साथ पूरा वातावरण शिवमय नजर आने लगा है. पहली सोमवारी होने के कारण शिवभक्तों में उत्साह है. सभी अपने आराध्य के पूजन-अर्चन के लिए शिवालयों में भक्तों का तांता लगा हुआ है. पहली सोमवारी के अवसर पर शिवालयों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है तो कई स्थानों पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया है. हरणी महादेव में आज सुबह प्रसाद की व्यवस्था की गई हे।

कैसे करें सोमवार का व्रत ? : सावन महीने में पड़नेवाले सोमवार का बड़ा ही महत्व है. सावन के सोमवार को व्रत रखने और मां पार्वती के साथ भोलेनाथ की पूजा से दरिद्रता दूर होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है. सोमवार का व्रत भी प्रदोष व्रत की तरह करना चाहिए. दिन भर निराहार रहकर भगवान भोलेनाथ का षोडशोपचार विधि से पूजन-अर्चन करना चाहिए और सायंकाल में भी पूजन के साथ-साथ शिवमंत्रों का जप करना चाहिए.

भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र- धतूर-भांग चढ़ाएं: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र, भांग और धतूर सर्वाधिक प्रिय हैं. इसलिए शिव पूजन में भगवान की इन प्रिय सामग्रियों को उन्हें जरूर अर्पण करना चाहिए. इसके अलावा अपने सामर्थ्य के अनुसार फल-मिठाई भी भगवान भोलेनाथ को अवश्य ही अर्पण करें.

रुद्राभिषेक का विशेष महत्वः सावन के महीने में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व बताया गया है. अन्य महीने में जहां रुद्राभिषेक के लिए शिववास देखने की आवश्यकता होती है, लेकिन सावन के महीने में शिववास देखने की आवश्यकता नहीं होती है और सावन में प्रत्येक दिन रुद्राभिषेक करना विशेष फलदायी होता है. उसमें भी सावन के सोमवार के दिन रुद्राभिषेक से अभीष्ट सिद्धि होती है

.सोमवार के व्रत से मिलता है मनोवांछित वरःसावन के सोमवार का व्रत करने से कुंवारी कन्याओं को मनोवांछित वर की प्राप्ति होती है.इस दिन मां पार्वती और भगवान भोलेनाथ की पूजा से स्त्रियों को अखंड सौभाग्य की भी प्राप्ति होती है. इसके अलावा संतान दीर्घायु होती है और भगवान भोलेनाथ कष्टों से उसकी रक्षा करते हैं.इस वर्ष पड़ रहे हैं

5 सोमवारः शिवभक्तों के लिए इस वर्ष का सावन महीना विशेष है क्योंकि इस बार सावन में 5 सोमवार पड़ रहे हैं. 22 जुलाई को सोमवार से सावन शुरू ही हो रहा है जबकि दूसरा सोमवार 29 जुलाई, तीसरा सोमवार 5 अगस्त, चौथा सोमवार 12 अगस्त और पांचवां सोमवार 19 अगस्त को पड़ रहा है. 19 अगस्त सोमवार को सावन महीने का समापन भी हो रहा है.

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