मेवाड़ के सांवलिया जी मंदिर के भंडार पर बड़ा फैसला: अब चढ़ावे की करोड़ों की राशि बाहरी योजनाओं में खर्च नहीं होगी

अब चढ़ावे की करोड़ों की राशि बाहरी योजनाओं में खर्च नहीं होगी
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चित्तौड़गढ़ ,मेवाड़ के प्रसिद्ध कृष्णधाम श्री सांवलिया जी मंदिर के करोड़ों रुपए के भंडार को लेकर चल रहा विवाद अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। मंडफिया सिविल जज विकास कुमार ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए स्पष्ट कर दिया है कि मंदिर के चढ़ावे की राशि का उपयोग किसी भी राजनीतिक, बाहरी या गैर-धार्मिक योजनाओं में नहीं किया जा सकेगा।

यह फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि सांवलिया जी मंदिर के भंडार से हर महीने लगभग 26 से 27 करोड़ रुपए का चढ़ावा आता है। वर्षों से इस राशि पर विभिन्न संस्थाओं, समूहों और राजनीतिक नेताओं की नजर रही है।

2018 से चल रहा था विवाद

मामले की शुरुआत वर्ष 2018 में हुई थी। उस समय मंदिर मंडल ने राज्य सरकार की बजट घोषणा के तहत मातृकुंडिया तीर्थस्थल के विकास के लिए 18 करोड़ रुपए देने का प्रस्ताव पास किया था।

स्थानीय निवासी मदन जैन, कैलाश डाड, श्रवण तिवारी और अन्य लोगों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया और मंडफिया कोर्ट में जनहित वाद दायर किया। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि मंदिर की कमाई को भक्तों से जुड़ी सुविधाओं और स्थानीय धार्मिक जरूरतों की बजाय बाहरी योजनाओं एवं राजनीतिक हितों के लिए मोड़ना अनुचित है।

अदालत का फैसला भक्तों के पक्ष में

जज विकास कुमार के आदेश के बाद अब मंदिर भंडार में जमा राशि केवल धार्मिक गतिविधियों, भक्तों की सुविधाओं, मंदिर विकास और स्थानीय आवश्यकताओं पर ही खर्च की जा सकेगी।

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