चारधाम यात्रा पर संकट !: अब Badrinath Dham में नदी का दिखा रौद्र रूप, श्रद्धालुओं को किया अलर्ट

इस साल भी चारधाम यात्रा पर संकट के बादल नजर आ रहे हैं। पिछले दिनों केदारनाथ में हुए हादसे के बाद अब बद्रीनाथ धाम में भी खतरा मंडरा रहा है। यहां एक बार फिर अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिसके चलते पानी वराह शीला तक पहुंच चुका है। ऐसे में मानसून में यहां यह जलस्तर और ज्यादा डरावना हो सकता है।
प्रशासन की तरफ से स्थानीय लोगों और यात्रियों से नदी के करीब नहीं आने की अपील की गई है। पुलिस टीम लगातार अनाउंसमेंट कर रही है कि कोई भी नदी की तरफ ना जाए क्योंकि जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। अलकनंदा नदी उत्तराखंड के पवित्र नगर बदरीनाथ से होकर बहती है। यह नदी न केवल प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है, बल्कि इसका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व भी बहुत बड़ा है।
PunjabKesari
बदरीनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और अलकनंदा इसकी पवित्रता को और भी बढ़ा देती है। माना जाता है कि इस नदी का जल पवित्र है और इसमें स्नान करने से पापों का नाश होता है। यहां एक गरम पानी का स्रोत (हॉट स्प्रिंग) है जो अलकनंदा के पास ही स्थित है। श्रद्धालु बदरीनाथ मंदिर में प्रवेश से पहले ताप्तकुंड में स्नान करते हैं। इसकी भाप और गर्म जल का तापमान प्राकृतिक रूप से ऊंचा रहता है, और यह भी माना जाता है कि इसमें औषधीय गुण होते हैं।
अलकनंदा का तेज प्रवाह, बर्फीले पर्वत, हरे-भरे पहाड़ और मंदिर की पृष्ठभूमि इसे बेहद मनमोहक बनाते हैं। यात्रियों और भक्तों के लिए यह एक आध्यात्मिक व प्रकृति से जुड़ा अनुभव प्रदान करता है। अलकनंदा नदी केवल एक जलधारा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, धर्म और प्रकृति का अद्भुत संगम है, जो बदरीनाथ यात्रा को पूर्णता प्रदान करती है