मानव देह का प्राप्त होना कोई साधारण बात नहीं: स्वामी अच्युतानंद

मानव देह का प्राप्त होना कोई साधारण बात नहीं: स्वामी अच्युतानंद
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भीलवाड़ा। श्री रामधाम रामायण मंडल ट्रस्ट द्वारा हमीरगढ़ रोड स्थित रामधाम में आयोजित चातुर्मास प्रवचन में शनिवार को केदारखण्ड, अगस्त्य मुनि आश्रम से पधारे स्वामी अच्युतानंद ने अपने आशीर्वचनों से भक्तों को भावविभोर कर दिया। उन्होंने अपने प्रवचन में मानव जीवन के महत्व और ईश्वर कृपा की अनिवार्यता पर गहन प्रकाश डाला। स्वामी अच्युतानंद ने कहा कि मानव देह का प्राप्त होना कोई साधारण बात नहीं, यह असंख्य योनियों में भटकने के बाद ईश्वर की अनंत कृपा का परिणाम है। इस देह को “विवेक प्रधान” और “ज्ञान प्रधान” बताते हुए स्वामी जी ने समझाया कि केवल मानव जीवन में ही वह सामर्थ्य है जिससे हम सुख-दुख, जन्म-मरण और कर्मबंधन के चक्र से मुक्ति पा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि ईश्वर की कृपा से ही हम मनुष्य बने हैं।और जब ईश्वर की ‘डबल कृपा’ होती है तो सत्संग का अवसर मिलता है।सत्संग ही वह माध्यम है जिससे विवेक जाग्रत होता है और मनुष्य अपने जीवन के वास्तविक उद्देश्य को पहचान पाता है। स्वामी जी ने समझाया कि विवेक के बिना भजन नहीं हो सकता और राम कृपा के बिना वह विवेक भी सुलभ नहीं है। इसलिए, मानव जीवन को व्यर्थ न जाने देकर हर किसी को सत्संग, साधना और सेवा में लगना चाहिए। ट्रस्ट के सचिव अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि चातुर्मास प्रवचन का यह आध्यात्मिक आयोजन प्रतिदिन सुबह 9 बजे से रामधाम में हो रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित होकर धर्मलाभ ले रहे हैं। इसके अतिरिक्त, श्रावण मास के पावन अवसर पर शिवालय में भी विशेष धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जा रहा है। प्रतिदिन सुबह और शाम भगवान शिव का अभिषेक और श्रृंगार किया जा रहा है, जिससे रामधाम का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। ट्रस्ट द्वारा साप्ताहिक रामायण का पाठ रविवार को दोपहर 3 से शाम 5.30 बजे तक भोपालगंज लक्ष्मीनारायण मंदिर में होगा। पाठ प्रभारी शिव प्रकाश लाठी ने आयोजन में श्रद्धालुओं से अधिकाधिक संख्या में भाग लेने का आह्वान किया। 29 व 30 जुलाई को तुलसीदास जयंती मनाई जाएगी।

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