रमजान का पाक महीना 2 मार्च से
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हर मुस्लिम के लिए रमजान का महीना खास होता है. इस माह में रोजे रखकर नेकी कर्म किए जाते हैं. 2025 में भारत में पहला रोजा कल 2 मार्च को रखा जाएगा. रमजान माह की खासियत यहां से जानें.
रमजान के महीने का महत्व
रमजान के महीने में व्रत रखने का विशेष महत्व है. इस दौरान इबादत के साथ-साथ पांचों वक्त की नमाज और तरावीह की नमाज का भी विशेष स्थान है. रमजान का यह पवित्र महीना उपवास के माध्यम से आत्मसंयम, इबादत और जरूरतमंदों की सहायता करने का एक अद्भुत अवसर प्रदान करता है. इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, वर्ष 610 में इस्लामिक कैलेंडर के नौवें महीने में मोहम्मद साहब को पवित्र कुरान का ज्ञान प्राप्त हुआ था. तब से लेकर आज तक, मुस्लिम समुदाय हर वर्ष रमजान के इस पवित्र महीने में रोजा रखता है और अंत में ईद-उल-फितर का त्योहार मनाता है.
30 दिनों तक रखते हैं रोजा
मुस्लिम समुदाय रमजान के पवित्र महीने में 30 दिनों तक रोजा रखता है. इस दौरान, वे सूर्योदय से पहले सहरी (सुबह का भोजन) करते हैं, जो उन्हें दिन भर के उपवास के लिए ताकत देता है. फिर पूरे दिन बिना कुछ खाए-पिए रोजा रखते हैं. सूर्यास्त के बाद वे मगरिब की नमाज पढ़कर खजूर या पानी के साथ अपना रोजा खोलते हैं, जिसे इफ्तार कहते हैं.