करवा चौथ 2025:: सात जन्मों तक साथ निभाने का व्रत

सात जन्मों तक साथ निभाने का व्रत
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कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाने वाला करवा चौथ सिर्फ व्रत या पूजा का पर्व नहीं है, बल्कि यह पति-पत्नी के प्रेम, विश्वास और साथ का प्रतीक है। इस दिन विवाहित महिलाएं सूर्योदय से चंद्रमा दर्शन तक निर्जला व्रत रखती हैं और भगवान शिव, माता पार्वती, श्री गणेश व स्वामी कार्तिकेय की पूजा करती हैं।

यह पर्व हमें याद दिलाता है कि सच्चा प्यार सम्मान, समझदारी और सहयोग से फलता-फूलता है।

✨ करवा चौथ पर अपनाएं ये 7 संकल्प

1️⃣ सम्मान का संकल्प

हर मजबूत रिश्ते की नींव आपसी सम्मान होती है। आज का दिन लें संकल्प कि किसी भी परिस्थिति में एक-दूसरे की गरिमा को कभी ठेस नहीं पहुंचाएंगे।

2️⃣ साथ बिताया हर पल अनमोल

व्यस्तता के बीच एक-दूसरे के लिए समय निकालना प्रेम को मजबूत करता है। रोजमर्रा की जिम्मेदारियों के बीच थोड़ी देर सिर्फ एक-दूसरे के साथ बिताएँ।

3️⃣ भरोसा और ईमानदारी

सच्चाई और पारदर्शिता रिश्तों की सबसे बड़ी ताकत हैं। करवा चौथ पर यह व्रत लें कि हमेशा एक-दूसरे के प्रति ईमानदार रहेंगे।

4️⃣ सकारात्मक नजरिया

जीवन के उतार-चढ़ाव हमेशा आते हैं। कठिनाइयों का सामना सकारात्मक दृष्टिकोण और धैर्य से करें।

5️⃣ सपनों में साथ

पति-पत्नी जब एक-दूसरे के सपनों और लक्ष्यों का सम्मान करते हैं, तब जीवन में विश्वास और प्रेरणा दोनों बढ़ते हैं।

6️⃣ धैर्य और समझदारी

छोटी-छोटी परेशानियों में संयम और समझदारी सबसे बड़ी शक्ति है। यह गुण रिश्ते को गहरा और स्थिर बनाता है।

7️⃣ हमेशा साथ निभाने का व्रत

करवा चौथ का असली संदेश यही है: सुख और दुख में, हर परिस्थिति में एक-दूसरे का हाथ थामे रहना।

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