10 अक्टूबर 2025 को रखा जाएगा करवा चौथ का व्रत: इस बार बन रहे दो अशुभ योग, जानिए क्या होगा प्रभाव

ज्योतिष दृष्टि से इस बार का करवा चौथ खास माना जा रहा है। इस बार जहां व्रत और पूजा के दौरान कई शुभ संयोग बन रहे हैं, वहीं दो अशुभ योग — विडाल योग और व्यातीपात योग — भी इस दिन उपस्थित रहेंगे, जो कुछ राशि जातकों के लिए सावधानी बरतने की चेतावनी देते हैं।
🕉️ क्या है विडाल और व्यातीपात योग?
द्रिक पंचांग के अनुसार, विडाल योग और व्यातीपात योग दोनों को अशुभ योग माना गया है।
इनके प्रभाव से नकारात्मक परिस्थितियाँ, विवाद या अचानक अड़चनें उत्पन्न हो सकती हैं।
इसलिए इस बार करवा चौथ के दिन व्रत और पूजा में विशेष सतर्कता और श्रद्धा के साथ नियमों का पालन करने की सलाह दी गई है।
🕑 विडाल-व्यातीपात योग की अवधि
विडाल योग: शाम 5:31 बजे से रात 8:20 बजे तक
व्यातीपात योग: शाम 5:41 बजे से अगले दिन (11 अक्टूबर) दोपहर 2:06 बजे तक
इन योगों के दौरान किसी भी नए कार्य की शुरुआत से बचना और शांति-साधना पर ध्यान देना शुभ रहेगा।
🌸 करवा चौथ 2025 पूजा का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष करवा चौथ व्रत शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को रखा जाएगा।
पूजा का शुभ समय — शाम 5:57 बजे से रात 7:11 बजे तक रहेगा।
इसी समय महिलाएँ करवा माता और भगवान शिव-पार्वती की पूजा कर अखंड सौभाग्य की प्रार्थना करेंगी।
🌕 चंद्रोदय और पारण का समय
पंचांग के अनुसार, चंद्रमा का उदय रात 8:13 बजे होगा।
चंद्रोदय के बाद सुहागिन महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित कर अपने व्रत का पारण करेंगी।
⚠️ क्या करें, क्या न करें
अशुभ योगों के प्रभाव से बचने के लिए भगवान शिव-पार्वती का ध्यान करें।
इस दिन झगड़े, अपशब्द या वाद-विवाद से दूर रहें।
लाल वस्त्र धारण करना और सुहाग सामग्री का दान करना शुभ माना गया है।
