जानिए ॐ नमः शिवाय मंत्र के जाप और इससे होने वाले फायदे

जानिए ॐ नमः शिवाय मंत्र के जाप  और इससे होने वाले फायदे
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भगवान शिव को महादेव, भोलेनाथ, भोलेभंडारी, नीलकंठ आदि नामों से भी स्मरण करते है. भगवान शिव त्रिमूर्ति ब्रह्राा, विष्णु और महेश में से एक है. हिंदू धर्म के लोग भगवान शिव की आराधना और पूजा-पाठ में बहुत ही आस्था रखते हैं. सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दिन लोग शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के साथ-साथ शिवजी के मंत्रों का जाप करते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिव जी के मंत्रों का जाप करने से हर तरह की मनोकामनाएं जल्द से जल्द पूरी होती है. विज्ञापन सोमवार के दिन के अलावा विशेष अवसरों पर भक्त उपवास, जलाभिषेक और पूजन के साथ-साथ ‘ॐ नमः शिवाय’मंत्र का जाप कर भगवान शिव की कृपा पाने का प्रयास करते हैं. यह पंचाक्षर मंत्र, ‘ॐ’ के साथ मिलकर षडाक्षर बन जाता है और साधक को आत्मिक बल, मानसिक शांति और शुभ कर्मों की प्रेरणा देता है. सोमवार को इस मंत्र का जाप विशेष रूप से कष्टों को दूर करने और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना गया है. ये भी पढ़ें :Budh Gochar 2025: बुध का कर्क राशि में गोचर, इन चार राशि वालों को रहना होगा सावधान शिवपुराण में मंत्र का वर्णन शिवपुराण के अनुसार, देवी पार्वती ने भगवान शिव से पूछा कि कलियुग में मनुष्य किस मंत्र का आश्रय लेकर पापों से मुक्त हो सकता है. तब शिवजी ने उत्तर दिया कि ‘ॐ नमः शिवाय’ही वह परम मंत्र है, जिसे उन्होंने स्वयं प्रलयकाल में अपने पांच मुखों से ब्रह्माजी को प्रदान किया था. यह मंत्र पांच तत्वों—पृथ्वी (न), जल (मः), अग्नि (शि), वायु (वा) और आकाश (य) का प्रतीक है. भगवान शिव स्वयं इन पंचतत्वों के नियंता हैं और यह मंत्र उन्हीं का स्वरूप है. ये भी पढ़ें :कब है आषाढ़ अमावस्या? जानिए तिथि, शुभ योग और पितरों को प्रसन्न करने के उपाय मंत्र जाप से मिटते हैं सभी दुख वेदों और पुराणों में बताया गया है कि "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का नियमित जाप, विशेषकर सोमवार के दिन, व्यक्ति के जीवन से सारे दुःख, दोष और रोगों को दूर करता है. स्कन्दपुराण में कहा गया है कि यदि यह महामंत्र किसी के मन में स्थिर हो जाए, तो फिर उसे अन्य किसी तप, यज्ञ या तीर्थ की आवश्यकता नहीं रहती. यह मोक्षदायक, पापों का नाश करने वाला और लौकिक-परलौकिक सुख देने वाला माना गया है. मंत्र जाप की विधि ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप हमें शांत, स्वच्छ और पवित्र वातावरण में करना चाहिए. रुद्राक्ष की माला से 108 बार मंत्र का जाप विशेष पुण्यदायक होता है. जप करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना उत्तम होता है. यदि यह जाप किसी शिव मंदिर में या पवित्र नदी के तट पर शिवलिंग के सामने किया जाए, तो इसका प्रभाव और भी अधिक होता है. जाप से आध्यात्मिक और स्वास्थ्य लाभ ॐ नमः शिवाय केवल एक धार्मिक मंत्र नहीं है, बल्कि इसकी ध्वनि तरंगें मानसिक शांति, आत्मबल और स्थिरता प्रदान करती हैं. इसके उच्चारण से मस्तिष्क की इंद्रियां जाग्रत होती हैं, तनाव कम होता है और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. विशेष रूप से सोमवार को इसका जाप करने से जीवन में शिव कृपा के साथ स्थायी सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है.

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