भीलवाड़ा में शारदीय नवरात्रि : मां दुर्गा आएंगी हाथी पर सवार, बाजारों में गरबा की तैयारियां जोरों पर

भीलवाड़ा। शारदीय नवरात्रि 2025 की तैयारियां भीलवाड़ा में शुरू हो गई हैं। इस बार 22 सितंबर से शुरू होने वाली नवरात्रि में मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी, जिसे धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जा रहा है। नवरात्रि का समापन 2 अक्टूबर को विजयादशमी के साथ होगा। शहर के बाजारों में गरबा और पूजन की तैयारियां तेज हो गई हैं, जहां लहंगा-चोली के नए डिजाइनों की खरीदारी और सजावट का उत्साह चरम पर है।
हाथी पर मां का आगमन: समृद्धि और सुख का संकेत
ज्योतिष विक्रम सोनी के अनुसार, मां दुर्गा का हाथी पर आगमन शक्ति, स्थिरता और राजसुख का प्रतीक है। यह संकेत देता है कि इस वर्ष अच्छी बारिश, अनाज की प्रचुरता और लोगों के जीवन में समृद्धि होगी। धार्मिक विद्वानों का कहना है कि मां का यह वाहन देश-दुनिया में सकारात्मकता, धन-धान्य, कृषि, व्यापार और पारिवारिक सुख में वृद्धि का संदेश देता है। व्यक्तिगत स्तर पर भी भक्तों को मानसिक शांति और नए अवसर प्राप्त होंगे।
नवरात्रि में वाहन का महत्व
मां दुर्गा का वाहन नवरात्रि के पहले दिन के आधार पर निर्धारित होता है। इस बार नवरात्रि 22 सितंबर, सोमवार से शुरू हो रही है, इसलिए मां दुर्गा हाथी पर सवार होंगी। ज्योतिषियों के अनुसार, यदि नवरात्रि रविवार या सोमवार से शुरू होती है, तो मां का वाहन हाथी होता है, जो शुभ माना जाता है। वहीं, मंगलवार या शनिवार को शुरू होने पर घोड़ा, और गुरुवार या शुक्रवार को शुरू होने पर पालकी या डोली मां का वाहन होती है।
पूजन और आरती के नियम
नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा नवार्ण मंत्र "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे" के साथ की जाती है। भक्तों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी सामर्थ्य के अनुसार पूजन सामग्री लाएं और प्रेम-श्रद्धा से मां का पूजन करें। नारियल, चुनरी और श्रृंगार का सामान अर्पित करना विशेष फलदायी माना जाता है। नौ दिनों तक ब्रह्म मुहूर्त और संध्याकाल में सपरिवार आरती करने और अंत में क्षमा प्रार्थना करने की सलाह दी गई है।
आरती के विशेष नियम
मां दुर्गा की आरती के लिए विशेष नियमों का पालन करना चाहिए। आरती की बत्तियां 1, 5 या 7 जैसी विषम संख्या में होनी चाहिए। आरती को 14 बार उतारने का विधान है- चार बार चरणों पर, दो बार नाभि पर, एक बार मुख पर और सात बार पूरे शरीर पर। इससे पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है।
बाजारों में उत्साह, गरबा की तैयारियां
भीलवाड़ा के बाजारों में नवरात्रि की रौनक शुरू हो गई है। गरबा प्रेमी नए लहंगा-चोली डिजाइनों की खरीदारी में जुटे हैं, जबकि दुकानदारों ने भी ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए रंग-बिरंगे परिधानों और सजावटी सामानों की दुकानें सजानई शुरू कर दी हैं। मंदिरों और घरों में मां दुर्गा के स्वागत की तैयारियां जोरों पर हैं।
सामाजिक और धार्मिक महत्व
मां दुर्गा का हाथी पर आगमन समाज और व्यक्तिगत जीवन में सकारात्मक बदलाव का संकेत देता है। यह समय भक्तों के लिए आध्यात्मिक उन्नति, पारिवारिक सुख और समृद्धि के लिए शुभ माना जा रहा है। भीलवाड़ा में नवरात्रि के इस पर्व को भक्ति और उत्साह के साथ मनाने की तैयारियां पूर्ण हैं।
