घर में रहते हैं अक्सर बीमार, कहीं इसके लिए वास्तु तो नहीं जिम्मेदार

वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि घर का खराब वास्तु हमारे जीवन पर नकारात्मक असर डालता है। गलत वास्तु के कारण धन की हानि होना, क्लेश होना, बीमारी बने रहना आदि का संबंध बताया गया है। इसलिए अगर घर में हमेशा एक ना एक व्यक्ति बीमार पड़ रहा हो तो कुछ वास्तु उपाय करने चाहिए। इन उपायों को करने से आपके घर की निगेटिव एनर्जी भी दूर होगी, जिसका असर लोगों के मानसिक स्वास्थ्य और परिवार की संपन्नता पर भी पड़ेगा।
खाना खाने का समय और दिशा में करें बदलाव
कभी-कभी आप खान-पान की गलत आदतों की वजह से भी बीमार हो सकते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, खाना खाते समय पूर्व या उत्तर दिशा में मुंह करके ही बैठें। इससे पाचन तंत्र सही रहता है और खान शरीर में लगता है। इससे बीमारियों का खतरा कम होता है।गलत दिशा में भोजन करने से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही यह तनाव और चिंता को भी बढ़ाता है। भोजन करने वाले जगह को साफ और स्वच्छ रखें, ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे। साथ ही खाने के समय को निश्चित करें। गलत समय पर खाना खाने से भी बीमारियों के होने का जोखिम रहता है।
कबाड़ वस्तुओं को घर बाहर निकालें
वास्तु के अनुसार, बेडरूम में पुरानी, बेकार चीजें और कबाड़ जमा करने से नेगेटिविटी बढ़ती है। इसके साथ ही बारिश के मौसम में वायरस और बीमारियों का जोखिम भी इससे बढ़ता है। लिहाजा, बेडरूम और किचन को साफ सुथरा और हवादार बनाए रखें।
घर के बाहर साफ-सफाई का रखें ध्यान
वास्तु के अनुसार, घर के मुख्य दरवाजे के सामने गड्ढा हो तो उसे तुरंत भर दें। कीचड़ या गंदगी को जमा न होने दें। इससे न सिर्फ बीमारी फैलाने वाले मच्छर और मक्खियां पनपते हैं, बल्कि यह मानसिक तनाव और निगेटिविटी को भी पैदा करता है। इन छोटे-छोटे उपायों से आप घर के सदस्यों को बार-बार बीमार होने से बचा सकेंगे।
जानिए क्या कहते हैं वास्तु शास्त्र:
1. पूर्व और उत्तर-पूर्व दिशा में रुकावट:
पूर्व दिशा से सकारात्मक ऊर्जा आती है। अगर इस दिशा में भारी सामान, कूड़ा या बाथरूम है तो यह ऊर्जा बाधित होती है और बीमारी की संभावना बढ़ती है।
2. दक्षिण-पश्चिम में रसोई या टॉयलेट:
इस दिशा में रसोई या शौचालय होने से घर के मुखिया को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, विशेष रूप से हृदय और तनाव से जुड़ी।
3. बीम के नीचे सोना:
अगर पलंग के ठीक ऊपर छत में बीम है, तो इससे मानसिक तनाव, सिरदर्द या नींद से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
4. सही वेंटिलेशन का अभाव:
घर में ताजी हवा और पर्याप्त रोशनी का अभाव भी नकारात्मक ऊर्जा को जन्म देता है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।
5. मंदिर की गलत स्थिति:
अगर पूजा स्थल शौचालय के पास या बेडरूम में है, तो यह मानसिक अस्थिरता और बीमारियों का कारण बन सकता है।
क्या करें (उपाय):
✅ घर में सुबह-सुबह सूर्य की रोशनी आने दें।
✅ रोज घर में कर्पूर या लौंग जलाएं – इससे नकारात्मक ऊर्जा कम होती है।
✅ उत्तर-पूर्व दिशा को साफ और हल्का रखें।
✅ पलंग के नीचे खाली जगह रखें, भारी सामान न रखें।
✅ मुख्य द्वार साफ-सुथरा और सकारात्मक प्रतीकों (स्वस्तिक, ओम् आदि) से सजा हो।
✅ नमक पानी से सप्ताह में एक बार पोछा लगाएं – नकारात्मक ऊर्जा कम होती है।
यदि बीमारियां लगातार बनी रहती हैं और मेडिकल कारण नहीं मिल रहे, तो वास्तु एक्सपर्ट से घर का निरीक्षण करवाना समझदारी भरा कदम हो सकता है।
अगर चाहें तो आप मुझे घर की दिशा, कमरे की स्थिति आदि बता सकते हैं – मैं आपको प्राथमिक वास्तु विश्लेषण दे सकता हूँ।
