सिंहस्थ 2028 की तैयारियां तेज़ :: उज्जैन-खंडवा का सुरक्षा ऑडिट पूरा, 60 हजार पुलिसकर्मी तैनात होंगे

भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने वर्ष 2028 में उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ की तैयारियों को गति देते हुए उज्जैन और खंडवा जिलों का सुरक्षा ऑडिट पूरा कर लिया है। रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान प्रतिदिन एक लाख श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल का दर्शन कराया जा सकेगा। यदि इससे अधिक श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते हैं तो प्रशासन उनकी ठहरने की व्यवस्था करेगा और उन्हें अगले दिन दर्शन कराया जाएगा।
सुरक्षा ऑडिट के माध्यम से स्थानीय पुलिस ने यह आकलन किया है कि भीड़ की दृष्टि से कौन-कौन से स्थान संवेदनशील रहेंगे और वहां किस प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता होगी। साथ ही यह भी तय किया गया है कि सीसीटीवी कैमरे कहां लगाए जाएंगे और उनका नियंत्रण व मॉनिटरिंग किस स्थान से होगी। पुलिस मुख्यालय को सौंपे गए इस ऑडिट के आधार पर अब टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी और विभिन्न व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जाएगा।
ऑडिट रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि शाही स्नान के दिनों में विशेष सुरक्षा प्रबंध करने होंगे। इन दिनों भीड़ सामान्य दिनों से कई गुना अधिक होती है। सभी व्यवस्थाओं को देखते हुए अनुमान लगाया गया है कि सिंहस्थ में करीब 60 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात करना होगा। इसमें दूसरे राज्यों की पुलिस बल की मदद भी ली जा सकती है। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और शहर के बाहर बनाए जाने वाले पार्किंग ज़ोन की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
सिंहस्थ महाकुंभ में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं में से लगभग 15 से 20 प्रतिशत खंडवा जिले स्थित ओंकारेश्वर भी दर्शन के लिए पहुंच सकते हैं। इस कारण वहां का भी सुरक्षा ऑडिट कराया गया है। रिपोर्ट में ओंकारेश्वर में प्रतिदिन दर्शन की क्षमता, श्रद्धालुओं के आवागमन के मार्ग, नर्मदा नदी में स्नान के लिए घाटों की संख्या व उनकी क्षमता, पार्किंग व्यवस्था और ठहरने की सुविधाओं का विस्तृत ब्योरा शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार रात अपने आवास स्थित समत्व भवन में सिंहस्थ तैयारियों की समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने घाटों के विस्तार, सड़कों के निर्माण और शिप्रा नदी को निर्मल बनाने के लिए चल रहे कार्यों को समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने शाही स्नान के दिन की जाने वाली व्यवस्थाओं की अद्यतन जानकारी भी अधिकारियों से ली। उज्जैन के जनप्रतिनिधि वर्चुअली बैठक में शामिल हुए और उन्होंने आयोजन के संबंध में सुझाव दिए तथा पूर्व के सिंहस्थ अनुभव साझा किए।
सिंहस्थ 2028 को अब तक का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जा रहा है। लाखों की संख्या में प्रतिदिन और करोड़ों की संख्या में कुल श्रद्धालु यहां पहुंचेंगे। ऐसे में प्रशासन की सबसे बड़ी चुनौती सुरक्षा और व्यवस्थाओं को बिना किसी अव्यवस्था के संभालना होगी।
