वर्षा के जल से दूर होंगे राहु-केतु दोष, होगी धन वृद्धि, करें ये उपाय
देश के कई हिस्सों में मानसून की शुरुआत हो चुकी है. कुछ ही दिनों में देश भर में बारिश शुरू हो जाएगी. हिंदू धर्म और वैदिक ज्योतिष में वर्षा को केवल प्राकृतिक घटना नहीं, बल्कि देवी लक्ष्मी की कृपा, जीवन की ऊर्जा और पवित्रता का प्रतीक माना गया है. जब आकाश से गिरती जलधाराएं पृथ्वी को छूती हैं, तो वे शुद्धिकरण और सौभाग्य का संदेश लेकर आती हैं. बारिश का यह जल न सिर्फ वातावरण को निर्मल बनाता है, बल्कि इसमें कई आध्यात्मिक और ज्योतिषीय शक्तियां भी समाहित होती हैं. यदि इसका सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो यह जीवन में आ रही कई समस्याओं को दूर कर सकता है.
पहली बारिश का जल इकट्ठा करके स्नान में मिलाएं. इससे शरीर से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और मानसिक संतुलन बेहतर होता है. यह उपाय विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है, जिन्हें शनि, राहु या केतु के दोषों का असर महसूस हो रहा हो.
बारिश का पवित्र जल एक पात्र में लेकर घर के मुख्य द्वार, पूजा स्थान और कोनों में छिड़कें. इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सुख-शांति बनी रहती है. शनिवार और अमावस्या जैसे विशेष दिनों पर यह उपाय अधिक प्रभावशाली माना गया है.
राहु-केतु दोष शांति उपाय
यदि कुंडली में राहु या केतु का प्रभाव है, तो वर्षा जल में काले तिल मिलाकर शिवलिंग पर अभिषेक करें. यह उपाय कालसर्प दोष और इन ग्रहों की नकारात्मक दशा को शांत करने में मदद करता है.
लक्ष्मी प्राप्ति के लिए प्रयोग
श्री यंत्र या लक्ष्मी यंत्र को वर्षा जल से धोकर उसमें केसर या चंदन का तिलक करें. यह आर्थिक स्थिति में सुधार लाता है और लक्ष्मी कृपा बनी रहती है.
मनोकामना पूर्ण करने हेतु दीपदान
बारिश के समय या उसके तुरंत बाद जल में दीपक प्रवाहित करें. यह बाधाओं को दूर करता है और रुके हुए कार्यों में सफलता दिलाता है.