रक्षाबंधन केवल धर्म, कर्तव्य और आत्मिक बंधन की गहराई को समझने का दिन - स्वामी अच्युतानंद

भीलवाड़ा। श्री रामधाम रामायण मंडल ट्रस्ट द्वारा रामधाम में आयोजित चातुर्मास प्रवचन में केदारखण्ड, अगस्त्य मुनि आश्रम से पधारे स्वामी अच्युतानंद ने भक्तों को रक्षाबंधन का महत्व बताया । उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन केवल भाई-बहन का पर्व नहीं, बल्कि यह धर्म, कर्तव्य और आत्मिक बंधन की गहराई को समझने का दिन है। स्वामीजी ने पौराणिक कथा का उल्लेख करते हुए कहा – “जब बलि राजा ने अपना सब कुछ दान कर दिया और भगवान वामन रूप में तीन पग में सारा लोक नाप लिया, तब भगवान ने उसे पाताल लोक का स्वामी बना दिया। पर लक्ष्मी जी जो भगवान की पत्नी थीं, उन्हें अपने पति की चिंता हुई। उन्होंने बलि को राखी बाँधी और उसे अपना भाई बनाया। बदले में बलि ने उनसे वर मांगने को कहा। लक्ष्मी ने भगवान विष्णु को माँगा। बलि ने वचन निभाया और भगवान विष्णु को लौटाया। इस प्रसंग को रेखांकित करते हुए स्वामीजी ने कहा कि “राखी केवल रक्षा सूत्र नहीं, बल्कि यह परमकर्तव्य- बोध और प्रेम का प्रतीक है। यह त्योहार बताता है कि संबंधों की रक्षा तभी संभव है जब उसमें विश्वास, त्याग और धर्म हो। स्वामीजी ने आगे कहा कि आज के युग में बहन-भाई का रिश्ता केवल तीज-त्योहार का नहीं, बल्कि जीवन मूल्यों को पुनर्स्थापित करने का माध्यम बनना चाहिए। उन्होंने उपस्थित जनसमूह से अपील की कि वे इस पर्व को केवल बाहरी आडंबर के रूप में न मनाकर इसके भाव को आत्मसात करें।
। ट्रस्ट के सचिव अभिषेक अग्रवाल व प्रवक्ता गोविन्द प्रसाद सोडानी ने बताया कि चातुर्मास प्रवचन प्रतिदिन सुबह 9 बजे हो रहा है। इसके अतिरिक्त, श्रावण मास में शिवालय में विशेष धार्मिक अनुष्ठान और पंडित सुशील शुक्ला, पंडित रमाकांत शर्मा, पंडित रामू आचार्य सहित अन्य विद्वान पंडितों के मंत्रोचार के बीच प्रतिदिन सुबह और शाम भगवान शिव का अभिषेक और श्रृंगार किया जा रहा है, जिससे रामधाम का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। रक्षाबंधन पर्व के उपलक्ष्य में शिव अभिषेक का भी आयोजन हुआ, जिसमें भक्तों ने गंगाजल, दुग्ध, शहद और बिल्वपत्र से भगवान शंकर का पूजन-अभिषेक किया। अभिषेक का आयोजन रामधाम ट्रस्ट के उपाध्यक्ष दीपक, आशीष मानसिंहका व धर्मेन्द्र मालानी के नेतृत्व में संपन्न हुआ। भक्तों ने मंत्रोच्चारण और रुद्राभिषेक के साथ पूजा में भाग लिया, जिससे संपूर्ण वातावरण भक्तिरस में डूब गया। मंदिर परिसर में हर-हर महादेव के जयघोष गूंजते रहे। कार्यक्रम के अंत में श्रद्धालुओं के लिए महाप्रसादी का भी आयोजन किया गया। ट्रस्ट की ओर से बताया गया कि शिव पूजन, रक्षाबंधन और प्रवचन—तीनों के समन्वय ने इस आयोजन को विशेष और भावपूर्ण बना दिया। ट्रस्ट का साप्ताहिक रामायण पाठ रविवार को दोपहर 3 बजे से रामधाम में होगा।