शारदीय नवरात्रि: माता रानी को प्रसन्न करने के लिए बरतें सावधानियां

शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व भक्तों के लिए मां दुर्गा की उपासना और साधना का श्रेष्ठ समय है। मान्यता है कि इस नौ दिनों की आराधना से जीवन की कठिनाइयाँ दूर होती हैं, नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और घर-परिवार में सुख, शांति व समृद्धि का वास होता है। इन दिनों मां की कृपा प्राप्त करने के लिए श्रद्धालुओं को विशेष नियमों और मर्यादाओं का पालन करना चाहिए।
## नवरात्रि में क्या करें?
* घर में **जवारे बोएं** और उनकी प्रतिदिन पूजा करें।
* **सुबह-शाम दीपक जलाकर मां की आराधना** करें। संभव हो तो मंदिर जाकर पाठ और कीर्तन में शामिल हों।
* मां को **भोग और जल अर्पित** करें।
* यथासंभव **नंगे पैर रहें**, अन्यथा चप्पल का प्रयोग कम करें।
* **नौ दिनों तक व्रत-उपवास रखें** और तन-मन से पवित्रता बनाए रखें।
* प्रतिदिन मां के स्वरूप अथवा चित्र को **नए वस्त्र पहनाएं और सुंदर श्रृंगार करें।**
* **अष्टमी व नवमी को कन्या पूजन** अवश्य करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
* घर आई किसी भी **कन्या को खाली हाथ न लौटाएं।**
* घर में **अखंड ज्योत प्रज्वलित करें,** जिससे मां स्वयं घर की रक्षा करती हैं।
* **ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें** और संभव हो तो भूमि पर शयन करें।
## नवरात्रि में क्या न करें?
* भोजन में **छौंक लगाने से बचें।**
* **लहसुन-प्याज का सेवन न करें,** यह तामसिक भोजन माना गया है।
* **कैंची का प्रयोग कम से कम करें।**
* नौ दिनों तक **दाढ़ी, बाल और नाखून न काटें।**
* **निंदा, चुगली और नकारात्मक विचारों से बचें,** हर समय मां का गुणगान करें।
* मां को **अन्नरहित भोग** ही अर्पित करें।
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इन नियमों का पालन कर भक्त नवरात्रि के नौ दिनों को पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ मना सकते हैं। जब साधक तन, मन और वचन से पवित्रता का पालन करता है, तब माता रानी की विशेष कृपा उस पर अवश्य होती है।
नवरात्रि में मां दुर्गा के **नौ रूपों की पूजा** का विशेष महत्व होता है। प्रत्येक दिन मां के अलग-अलग स्वरूप की आराधना करने से साधक को अलग-अलग फल और वरदान प्राप्त होते हैं।
## 🌸 मां दुर्गा के नौ स्वरूप
1. **शैलपुत्री** –
पर्वतराज हिमालय की पुत्री, प्रथम दिन पूजित। ये मां शक्ति और साहस प्रदान करती हैं।
2. **ब्रह्मचारिणी** –
तपस्विनी स्वरूप, द्वितीय दिन पूजित। मां ब्रह्मचारिणी से तप, त्याग और संयम की शक्ति मिलती है।
3. **चंद्रघंटा** –
तृतीय दिन पूजित। इनके मस्तक पर अर्धचंद्र के कारण इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। ये शांति और सौम्यता का आशीर्वाद देती हैं।
4. **कूष्मांडा** –
चतुर्थ दिन पूजित। ब्रह्मांड की उत्पत्ति करने वाली देवी। इनकी आराधना से आयु, स्वास्थ्य और संपत्ति में वृद्धि होती है।
5. **स्कंदमाता** –
पंचम दिन पूजित। भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता। मां की कृपा से संतान सुख और पारिवारिक समृद्धि प्राप्त होती है।
6. **कात्यायनी** –
षष्ठी तिथि को पूजित। महर्षि कात्यायन की पुत्री। मां कात्यायनी शत्रुनाश और विजय की देवी हैं।
7. **कालरात्रि** –
सप्तमी के दिन पूजित। इनका रूप भयंकर है परंतु ये भक्तों की सभी बाधाओं का नाश कर मंगल ही करती हैं।
8. **महागौरी** –
अष्टमी को पूजित। इनका स्वरूप अत्यंत श्वेत और दिव्य है। मां महागौरी से शांति और पवित्रता की प्राप्ति होती है।
9. **सिद्धिदात्री** –
नवमी को पूजित। मां सिद्धिदात्री सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाली देवी हैं। इनकी कृपा से भक्त को आध्यात्मिक और सांसारिक दोनों सिद्धियां मिलती हैं।
🙏 इन नौ दिनों में मां दुर्गा के इन स्वरूपों की पूजा करने से भक्त को आत्मबल, धन-धान्य, सुख-समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
