भीलवाड़ा में चंद्र ग्रहण पर बंद रहे मंदिर, शुद्धिकरण के बाद उमड़े श्रद्धालु

भीलवाड़ा (हलचल)। पूर्णिमा पर पड़े चंद्र ग्रहण के चलते रविवार रात सूतक काल लगते ही शहर के सभी प्रमुख मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए। ग्रहण समाप्ति के बाद सोमवार सुबह गंगाजल, गोमूत्र और कच्चे दूध से शुद्धिकरण कर मंदिरों के पट खोले गए। इसके बाद दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।
बालाजी मार्केट स्थित बालाजी मंदिर के पुजारी आशुतोष शर्मा ने बताया कि ग्रहण काल के दौरान कई साधकों ने मंत्र सिद्धि के लिए साधना की।
शुद्धिकरण के बाद सुबह मंगला आरती हुई और भक्त स्नान-ध्यान कर दर्शन करने पहुंचे।इसी तरह दूधाधारी गोपाल मंदिर, संकट मोचन हनुमान मंदिर और पेच के बालाजी मंदिर सहित सभी मंदिरों के पट बंद रहे। दूधाधारी मंदिर के पुजारी कल्याण मल शर्मा ने बताया कि रात 1:27 बजे ग्रहण मोक्ष के बाद गंगाजल, गोमूत्र और दूध से शुद्धिकरण किया गया। सुबह मंगला आरती के साथ दान-पुण्य का दौर भी शुरू हुआ।
ग्रहण के बाद भक्तों ने अपने आराध्य के दर्शन कर यह कामना की कि चंद्र ग्रहण का कोई दुष्प्रभाव उनके जीवन पर न पड़े।
