पति और परिवार से हैं परेशान, पढ़ें गुप्त नवरात्रि व्रत कथा

यदि आपके परिवार में एक के बाद एक समस्या आ रही है तो गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा करें। वर्ष 2025 में आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 26 जून आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से शुरु होकर 4 जुलाई तक रहेंगे। गुप्त नवरात्र आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक मनाए जाते हैं। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा को जितना गुप्त रखा जाता है, फल उतना ही ज्यादा मिलता है। जो साधक तंत्र-मंत्र की सिद्धियां प्राप्त करना चाहते हैं, उनके लिए गुप्त नवरात्रि के दिन बेहद खास होते हैं। इनमें वे साधक गुप्त स्थान पर रहते हुए दस महाविद्याओं की साधना में लीन रहते हैं। गुप्त नवरात्र के महत्व को बताने वाली एक कथा भी पौराणिक ग्रंथों में मिलती है-
कथा के अनुसार एक समय की बात है कि ऋषि शृंगी एक बार अपने भक्तों को प्रवचन दे रहे थे कि एक स्त्री हाथ जोड़कर ऋषि से बोली ‘‘गुरुवर, मेरे पति दुर्व्यसनों से घिरे हैं, जिसके कारण मैं किसी भी प्रकार के धार्मिक कार्य, व्रत, उपवास अनुष्ठान आदि नहीं कर पाती हूं। मैं मां दुर्गा की शरण लेना चाहती हूं लेकिन मेरे पति के पापाचारों से मां की कृपा नहीं हो पा रही है। मेरा मार्गदर्शन करें।
तब ऋषि बोले कि वासंतिक और शारदीय नवरात्र में तो हर कोई पूजा करता है और सभी इससे परिचित हैं लेकिन इनके अलावा वर्ष में दो बार गुप्त नवरात्रि भी आते हैं। इनमें नौ देवियों की बजाय दस महाविद्याओं की उपासना की जाती है। यदि तुम विधिवत इन नवरात्रों को कर सको तो मां दुर्गा की कृपा से तुम्हारा जीवन खुशियों से परिपूर्ण होगा।ऋषि के प्रवचनों को सुनकर स्त्री ने गुप्त नवरात्र में ऋषि के बताए अनुसार मां दुर्गा की कठोर साधना की। उसकी श्रद्धा एवं भक्ति से मां प्रसन्न हुई और कुमार्ग पर चलने वाला उसका पति सुमार्ग की ओर अग्रसर हुआ उसका घर खुशियों से भर गया।
कब शुरू होगी गुप्त नवरात्र 2025
हिंदू पंचांग के अनुसार, गुरुवार 25 जून को शाम 04 बजे से आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 26 जून को दोपहर 01 बजकर 24 मिनट पर होगा। उदया तिथि को देखते हुए 26 जून से गुप्त नवरात्र शुरू होगी।
घटस्थापना समय - 26 जून को सुबह 05 बजकर 25 मिनट से लेकर सुबह 06 बजकर 58 मिनट तक।
अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 56 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक।
गुप्त नवरात्र में इन बातों का रखें ध्यान
इन नौ दिनों में मांसाहार, प्याज, लहसुन और अन्य तामसिक भोजन का सेवन बिल्कुल न करें।
नवरात्र के दौरान बाल और नाखून काटने से बचें।
चमड़े से बनी वस्तुओं जैसे बेल्ट, पर्स आदि का प्रयोग न करें।
घर में शांति और सकारात्मक माहौल बनाए रखें।
लड़ाई-झगड़े, बहस और अपशब्दों का प्रयोग बिल्कुल न करें।
व्रती दिन में सोने से बचें।
मन में किसी के प्रति बुरे विचार न लाएं।
इन नौ दिनों में ब्रह्मचर्य का पालन करें।
देवी की पूजा पूरे विधि-विधान से करें।
पूजा सामग्री और विधि में किसी भी तरह की कमी न छोड़ें।
स्त्री का अपमान भूलकर भी न करें।