दिवाली की रात घर में ऐसे करें मां काली की पूजा — जानें सरल पूजन विधि और शुभ मुहूर्त

दिवाली की रात मां काली की पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस पावन अवसर पर मां काली की श्रद्धापूर्वक आराधना करने से दुख, कष्ट और नकारात्मकता दूर होती है तथा जीवन में साहस, ऊर्जा और समृद्धि आती है।
### 🪔 **काली पूजन की विधि**
* शुभ शुरुआत स्नान से करें — उबटन लगाकर स्नान करना अत्यंत पवित्र माना जाता है।
* गणपति पूजन — सबसे पहले भगवान गणेश का आवाहन करें ताकि सभी विघ्न दूर हों।
* चौकी सजाएँ — लाल या काले कपड़े पर मां काली की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
* अभिषेक करें — पंचामृत से स्नान कराकर आराधना आरंभ करें।
* श्रृंगार करें — मां को हल्दी, कुमकुम, सिंदूर और फूलों से सजाएँ।
* प्रिय अर्पण — मां को गुड़हल के फूल और काले तिल अर्पित करें।
* दीप प्रज्वलित करें — सरसों के तेल का दीपक जलाकर मां के चरणों में रखें।
* धूप-अगरबत्ती जलाएँ — वातावरण को पवित्र बनाएं।
* मंत्र जाप — ‘ॐ क्रीं काली’ या ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे’ का जाप करें।
* आरती करें — कपूर से आरती उतारकर समर्पण भाव व्यक्त करें।
### ⏳ **काली पूजन का शुभ मुहूर्त**
काली पूजन का सर्वश्रेष्ठ समय —
🕚 20 अक्टूबर रात 11:41 बजे से लेकर 21 अक्टूबर रात 12:31 बजे तक।
इस अवधि में की गई आराधना अत्यंत फलदायी मानी जाती है।
### 🌺 **काली पूजा का महत्व**
* मां काली की पूजा दिवाली की रात को की जाती है।
* यह बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है।
* मां काली निडरता, साहस और शक्ति की देवी मानी जाती हैं।
* श्रद्धापूर्वक पूजा करने से भय, दुख और नकारात्मकता दूर होती है।
### 📿 **पूजा से जुड़े विशेष तथ्य**
* मां काली को गुड़हल के फूल विशेष रूप से प्रिय हैं।
* सरसों के तेल का दीप जलाना शुभ माना जाता है।
* श्रद्धा और सच्चे मन से घर में भी पूजा करने पर मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
👉 दिवाली की रात मां काली की आराधना करने से घर में शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
