आधी अधूरी फिल्मों की कहानी: घोषणा हुई लेकिन डब्बा बंद होकर रह गई बड़ी फिल्में

घोषणा  हुई लेकिन डब्बा बंद होकर रह गई बड़ी फिल्में
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फिल्मों की नगरी मुंबई में कई आधी अधूरी फिल्मों को पर्दे पर आने का इंतजार है लेकिन वह कई कारणों से अटकी हुई है ऐसी कई फिल्म है जो विवाद के चलते हैं पर्दे पर नहीं आ पाई या फिर अन्य कारणो से वे अटक कर रह गई। ऐसी कुछ फिल्मो की चर्चा करते हे।आज...


संजय लीला भंसाली अपनी नई वेब सीरीज ‘हीरा मंडी’ को लेकर चर्चा में हैं। क्योंकि, ये उनका 14 साल पुराना अधूरा ख्वाब था, जो पूरा हुआ। अब वे अपनी एक और रुकी हुई फिल्म ‘इंशाअल्लाह’ को लेकर ख़बरों में हैं। ये फिल्म वे सलमान खान को लेकर बनाने वाले थे। पर, फिल्म नहीं बन सकी। अब फिर ‘इंशाअल्लाह’ बनने की ख़बरें सुनाई देने लगी। सिर्फ यही फिल्म नहीं जो घोषणा के बाद बरसों से नहीं बनी। ऐसी सैकड़ों फ़िल्में हैं। इसके पीछे कई कारण हैं। निर्माता-निर्देशक हमेशा कोशिश करते हैं कि वे ऐसी फ़िल्में बनाएं जिन्हें लोग याद रखें और प्रेरक हों। हर फिल्म के पीछे राइटर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, टेक्नीशियन, एक्टर्स जैसे तमाम लोगों की मेहनत और काबिलियत लगती है। लेकिन, तमाम चीज़ों के बाद भी कभी कुछ फ़िल्में आधी, तो कुछ पूरी बनकर भी परदे पर जगह नहीं बना पाती।

जितनी फ़िल्में हर साल परदे पर दिखाई देती हैं, उससे करीब दोगुनी फ़िल्में परदे तक पहुंच ही नहीं पाती। कुछ फ़िल्में सिर्फ घोषणा और मुहूर्त तक सीमित हो जाती हैं तो कुछ पूरी बन भी नहीं पाती। कुछ तैयार हो गई, पर रिलीज में अड़ंगा आ गया। सवाल है, जब फिल्म की प्लानिंग के बाद उसकी घोषणा की जाती है, तब सारे हालात का अंदाजा क्यों नहीं लगाया जाता। दरअसल, ये सब किया जाता है, पर कई बार अनपेक्षित स्थितियां निर्मित हो जाती हैं

जिसका सीधा असर फिल्म निर्माण पर पड़ता है। निर्माता-निर्देशक को पीछे हटना पड़ता है। बहुत सी ऐसी फिल्में हैं, जो बनी लेकिन दर्शकों तक पहुंची नहीं।

हीरों की फ़िल्में फ्लॉप हुई तो आगे रास्ता बंद

फिल्मों के हमेशा के लिए डिब्बा बंद होने के ढेर सारे कारणों के साथ एक यह भी है कि जब किसी कलाकार की फ़िल्में लगातार फ्लॉप होने लगती हैं, तो फिल्मकार उस पर दांव लगाने से बचते हैं। घोषित फिल्मों को किसी बहाने टाल दिया जाता है। जब आमिर खान की ‘लाल सिंह चड्ढा’ फ्लॉप हुई तो टी-सीरीज के फाउंडर गुलशन कुमार की बायोपिक फिल्म ‘मुग़ल’ टल गई। यही स्थिति अक्षय कुमार के साथ ‘सम्राट पृथ्वीराज’ और ‘रक्षाबंधन’ के फ्लॉप होने के बाद दिखाई दी। ‘गोरखा’ और ‘कठपुतली’ समेत कई फिल्मों को रोक दिया गया। ये हाल की घटनाएं जरूर हैं, पर इसका एक लम्बा इतिहास है। जब अमिताभ बच्चन का समय अनुकूल नहीं था, तब उनकी कई फिल्मों को किसी न किसी कारण रोक दिया या आगे बढ़ा दिया। अमिताभ को लेकर सुभाष घई ‘देवा’ बना रहे थे। लेकिन, दोनों में कहासुनी हो गई और फिल्म बंद! अमिताभ को लेकर शूजित सरकार ने ‘शूबाइट’ बनाई जो विवाद के चलते रुकी।

विवाद भी डिब्बा बंद कर देते हैं फिल्म




फिल्म रुकने का एक और बड़ा कारण होता है कलाकारों, निर्देशक या फिल्म की कहानी का कोई विवाद। सबसे ज्यादा इसे लेकर ही फ़िल्में बनने से रुकीं। संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘इंशाअल्लाह’ का किस्सा भी ऐसा ही है। इस फिल्म में संजय का मूड सलमान और आलिया भट्ट को कास्ट करने का था। लेकिन, सलमान के साथ क्रिएटिव डिफरेंस के कारण शूटिंग शुरू नहीं हुई। आलिया को पहले ही कास्ट कर चुके थे, इसलिए आलिया को लेकर ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ बनाई गई। साल 1992 में बनना शुरू हुई शेखर कपूर की ‘टाइम मशीन’ में आमिर खान, रवीना टंडन, रेखा और नसीरुद्दीन शाह को लिया गया था। फिल्म लगभग बन गई लेकिन पैसों का संकट आया और फिल्म रुकी। विधु विनोद चोपड़ा ने मुन्नाभाई सीरीज की फिल्म ‘मुन्ना भाई चले अमेरिका’ बनाने की घोषणा की। थोड़ी शूटिंग भी हुई, पर संजय दत्त के जेल जाने के बाद फिल्म का पता ही नहीं चला। करण जौहर की दो फिल्में ‘तख्त’ और ‘शुद्धि’ भी बंद हुई। ‘तख्त’ में रणवीर सिंह, करीना कपूर, विक्की कौशल, आलिया भट्ट, जाह्नवी कपूर, भूमि पेडनेकर और अनिल कपूर को कास्ट किया गया। शूटिंग 2020 में शुरू हुई, पर कोविड के कारण टाल दी।

बड़े सितारों की फ़िल्में भी बंद हुई

‘शुद्धि’ को करण जौहर ने वरुण धवन और आलिया भट्ट के साथ बनाने का फैसला किया, पर ये फिल्म भी नहीं बनी। साल 1991 में दिलीप कुमार को लेकर सुधाकर बोकाडे ने ‘कलिंगा’ की घोषणा की थी। फिल्म में दिलीप कुमार के साथ सनी देओल, मीनाक्षी शेषाद्री थे। फिल्म 90 फीसदी बनी, पर डिब्बा बंद हो गई।

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